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विश्वजीत राय
छितौनी। पनियहवा में किसानों की जमीन पर रेलवे की तरफ से किए गए कब्जे की पैमाइश करने बृहस्पतिवार को गई टीम बिना पैमाइश किए ही वापस हो गई। किसानों का आरोप है कि उनकी काश्तकारी जमीन पर 35 वर्षों से रेलवे कब्जा कर लिया है। किसान उस पर हुआ अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं।
खड्डा तहसील में आयोजित समाधान दिवस में किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रामकांत तिवारी व रामसनेही साहनी ने शिकायती पत्र देकर रेलवे व काश्तकारी जमीन का सीमांकन कराने की मांग की थी। इसको गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने रेलवे के अधिकारियों से पत्राचार कर समस्या का समाधान करने के लिए कहा था।
एसडीएम के पत्र को संज्ञान में लेकर रेलवे की ओर से कप्तानगंज सीनियर सेक्सन इंजीनियर आकाश सिंह की अगुवाई में रेलवे के अधिकारी व राजस्व विभाग की तरफ से लेखपाल धीरज शुक्ला बृहस्पतिवार को जमीन का सीमांकन करने पहुंचे। लेकिन रेलवे के अधिकारियों के पास नक्शा नहीं होने के कारण बीना जमीन का सीमांकन हुए ही टीम लौट गई हैं।
लेखपाल धीरज शुक्ला ने बताया कि किसानों व रेलवे की भूमि मिला-जुला नंबर है। इसमें रेलवे का नक्शा मौके पर नहीं होने के कारण सीमांकन नहीं हो पाया है। राजस्व विभाग के नक्शे से रेलवे के आधिकारी पैमाइश के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि रेल व किसानों की भूमि का बंटवारा नहीं हुआ है।
इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष छितौनी अशोक निषाद, हीरालाल शर्मा, मनोज मोदनवाल, सुखराज निषाद, बहादुर निषाद, मुलायम साहनी, अवधेश निषाद, राकेश निषाद, रमेश निषाद आदि मौजूद रहे।