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एम्स गेट से लिफ्ट देकर कुसम्ही जंगल के पास गल्ला व्यापारी ओमप्रकाश के साथी रामाकांत से 6.56 लाख रुपये की लूट बिहार के गिरोह ने की थी। सोमवार को चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश करते हुए लूटी गई रकम में से 4.8 लाख रुपये बरामद कर लिया।
पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपने दो साथियों का नाम भी बताया है, जिसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को डीआईजी जे रविंद्र गौड़ ने 50 हजार रुपये का इनाम दिया है। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस की मदद से सफलता मिली है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि खोराबार के ओमप्रकाश गुप्ता गल्ला का व्यापार करते हैं। उनकी मां की तबीयत खराब होने की वजह से पुराने व्यापारी व मित्र रामाकांत को उन्होंने बिहार में बेचे गए गेहूं का बकाया रुपये लेने के लिए भेजे थे।
28 अक्तूबर को रामाकांत बिहार से 6.56 लाख रुपये लेकर ट्रेन से गोरखपुर कैंट स्टेशन आए थे और फिर एम्स गेट पर कुशीनगर जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान कार सवार लोगों ने लिफ्ट देकर रास्ते में मोबाइल फोन ले लिया और सिम फेंक दिया। फिर मारपीट कर उनके पास से नकदी लूट लिए थे। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
उधर, इसके पहले 26 अक्तूबर को कुशीनगर के अरविंद कुमार के साथ भी इस तरह से आठ हजार की लूट हुई थी। दोनों ही घटना एक तरह लगने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और सर्विलांस की मदद से बदमाशों की पहचान कर ली। सोमवार को बदमाश फिर रेलवे स्टेशन के
पास वारदात करने के लिए आए थे।
मुखबिर की सूचना पर कैंट प्रभारी शशिभूषण राय, खोराबार प्रभारी कल्याण सिंह सागर, एसओजी प्रभारी मनीष यादव की टीम मौके पर पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार कर ली।
इनकी हुई गिरफ्तारीबिहार के मोतीहारी के डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के पकड़ी निवासी विजय महतो, मिथिलेश कुमार, सोनू कुमार साहनी, शत्रुधन साहनी की गिरफ्तारी हुई है। पूछताछ में गोरखपुर के दीपक कुमार व सोनू साहनी का भी नाम सामने है, जिसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है।
व्यापारी के चोट देखकर हुआ घटना पर यकीन
पुलिस को व्यापारी रामाकांत ने लूट की जब सूचना दी थी तो पुलिस ने बिहार के उस व्यापारी से संपर्क किया, जिसके पास से रुपये लाने की बात कही गई थी, लेकिन उस व्यापारी ने रुपये देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस को घटना पर संदेह हो गया था, लेकिन व्यापारी रामाकांत के आंख व शरीर पर चोट के निशान व आने के साधन और जगह के बारे में जो जानकारी दी गई थी, वह एकदम सही थी। इस वजह से पुलिस ने केस दर्ज किया। दूसरे व्यापारी अपनी बातों पर अडिग था और उसकी तबीयत भी खराब हो गई थी।
ऐसे खुला मामला
एसएसपी ने बताया कि व्यापारी से पुलिस ने गाड़ी के हुलिया के बारे में पूछा। इसके बाद सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो मोहद्दीपुर के एक मकान में लगे कैमरे से उस तरह
की गाड़ी की तस्वीर मिल गई। इसके बाद पुलिस ने आईटीएमएस से भी मदद ली। सर्विलांस की मदद से उस तरह की गाड़ियों के लोकेशन को देखा और फिल्टर करते हुए असल आरोपी तक पुलिस पहुंची।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि कैंट, खोराबार और एसओजी टीम ने बेहतर तालमेल कर तीन दिन के अंदर असल बदमाशों को गिरफ्तार कर चार लाख आठ हजार रुपये बरामद किया है। दो वांछित हैं, जिसके पास भी रुपये हैं। कुछ रुपये इन लोगों ने अपने घर में छठ पर्व पर खर्च कर दिए थे। डीआईजी ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया है।