बिजलीकर्मियों का प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार प्रारंभ : मशाल जुलूस निकालकर किया विरोध प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की स्वेच्छाचारिता व दमनात्मक कार्यप्रणाली से ऊर्जा निगमों की परफॉर्मेंस को हो रही भारी आर्थिक क्षति।

माo ऊर्जा मंत्रीजी से हस्तक्षेप की अपील

ओबरा -ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये व दमनात्मक कार्यप्रणाली के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजलीकर्मियों ने आज अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार प्रारंभ कर दिया। बिजलीकर्मियों ने शाम 5 बजे पूरे नगर में मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया।संघर्ष समिति के समस्त घटक दलों ने परियोजना के भिन्न-भिन्न खंडों में संपर्क स्थापित कर मशाल जुलूस के लिए लोगों का आह्वान किया मशाल जुलूस भूतेश्वर दरबार के सामने से हॉस्पिटल के पीछे क्लब एक गेस्ट हाउस चौराहा होते हुए होगा सिंह चौराहा पर समाप्त किया गया। ओबरा परियोजना पर पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम 5बजे सैकड़ों मशाल प्रज्वलित की गई।संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही चेयरमैन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मा ऊर्जा मंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, ओबरा तापीय परियोजना के पदाधिकारियों अजय कुमार राय, सदानंद यादव, निखिल चतुर्वेदी ,धीरज वर्मा ,अंकित प्रकाश ,अभय प्रताप सिंह, अजय सिंह, शशिकांत श्रीवास्तव, प्रहलाद शर्मा, श्रीकांत गुप्ता, शाहिद अख्तर ,दीपक कुमार योगेंद्र कुमार ,आरजी सिंह , दीपू गोपीनाथन, श्रीजीत,आशीष कुमार ,आनंद कुमार ने आज जारी बयान में बताया कि आम जनता को तकलीफ न हो अतः कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन, और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अवमुक्त रखा गया है।उन्होंने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठधर्मिता और बिजलीकर्मियों की समस्याओं के प्रति उपेक्षात्मक रवैये के कारण आज पूरे प्रदेश के बिजलीकर्मी संघर्ष के रास्ते पर है, यदि ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए द्विपक्षीय वार्ता से समस्याओं का समाधान निकालने वाली कार्यप्रणाली अपनाई गई होती तो ऊर्जा निगमों में यह टकराव उत्पन्न न होता और न ही ऊर्जा की परफॉर्मेंस व रेटिंग गिरती। ऐसा प्रतीत होता है कि शीर्ष प्रबंधन द्वारा सरकार को वास्तविक तथ्यों के विपरीत गुमराह किया जा रहा है जिस कारण टकराव का वातावरण बना है।बिजलीकर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से लोकतांत्रिक है और मात्र ध्यानाकर्षण के लिए है, इस आंदोलन के लिए जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैपदाधिकारियों ने आगे बताया कि कल 30 नवंबर को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।बिजलीकर्मियों ने यह भी चेताया कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगा।

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