प्रयाग राज : जागरूकता के बावजूद भी नहीं कम हो रहे है एड्स के मरीज

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार
आकाश राय

एड्स की रोकथाम के लिए तमाम जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद एचआईवी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस वित्तीय वर्ष के दस महीनों में 196 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में एचआईआईवी संक्रमितों की संख्या 4444 से अधिक हो चुकी है। इनमें 370 मरीजों की अब तक जान भी जा चुकी है। जबकि वर्ष 2011 में जिले में एचआईवी संक्रमितों की संख्या सिर्फ 39 थी।

जिला अस्पताल के आईसीटीसी में लोगों की जांच के वर्षवार आंकड़े एड्स पीड़ितों की बढ़ती संख्या बताने के लिए के लिए काफी हैं। जिले में वर्ष 2011 में कुल 39 एचआईवी संक्रमित थे। इनमें 24 पुरुष, 14 महिला और एक बालिका थे। मौजूदा समय में जनपद में 4444 लोगों का एचआईवी/एड्स के इलाज के लिए पंजीयन हो चुका है। इनमें से 370 मरीजों की मौत हो चुकी है। 2072 ऐसे मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है। सरकार इस बीमारी से बचाव के लिए मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा दे रही है।

मरीजों को जनपद मुख्यालय को मिलाकर छह सीएचसी मेडिकल कॉलेज के पुरुष और महिला विंग, सीएचसी लालगंज, कुंडा, सांगीपुर और संग्रामगढ़ में भी एचआईवी जांच हो रही है। सीएचसी पर भी इसकी जांच एवं काउंसलिंग की सुविधा शुरू हो गई है। प्रत्येक सीएचसी पर एक-एक काउंसलर और लैब टेक्निशियन की तैनाती की गई है। इसके बावजूद एड्स का संक्रमण थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।

जागरूकता अभियान के बावजूद मरीज कम नहीं
एचआईवी और एड्स से बचाव के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। फिर भी मरीज कम नहीं हुए। जिला अस्पताल में वर्ष नवंबर 2011 में एआरटी सेंटर की स्थापना हुई। यहां आने वाले मरीजों का इलाज करने की जिम्मेदारी डॉ. राकेश त्रिपाठी को दी गई। इधर, करीब पांच वर्ष से पीपीटीसीटी एवं एआरटी सेंटर का भी संचालन हो रहा है, जहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की पहचान करने से लेकर उनकी जांच, उपचार और काउंसलिंग करते हैं। इसके लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, डाटा इंट्री ऑपरेटर सहित अन्य स्टॉफ तैनात हैं।

स्वास्थ्य विभाग के साथ कुछ संस्थाएं लोगों को लाइलाज बीमारी से बचाव के तरीके बताते हुए जागरूकता अभियान चला रहीं हैं। संक्रमित रोगियों का समय-समय पर जांच और इलाज कराया जा रहा है। उन्हें दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
– डॉ. जीएम शुक्ला, मुख्य चिकित्साधिकारी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *