दोषी डकैत लरमी को 10 वर्ष की कैद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

– 25 हजार रुपये अर्थदंड,न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद
– जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
– साढ़े 36 वर्ष पूर्व वर्ष 1986 में हुई डकैती का मामला

सोनभद्र। साढ़े 36 वर्ष पूर्व हुई डकैती के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी डकैत लरमी को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के दुहा गांव निवासी युगल किशोर चतुर्वेदी ने एक मार्च 1986 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि 7:30 बजे उसके बड़े पिता नर्मदेश्वर प्रसाद चौबे के घर में 12 से 15 की संख्या में डकैत जो हाथ में लाठी, डंडा, कुल्हाड़ी, टार्च आदि से लैस थे जो डकैती डाल रहे थे। गांव वाले इकट्ठा होकर ललकार रहे थे। उस समय वह अपनी पाही पर था तभी विजय शंकर यादव दौड़ता हुआ उसके पास आया और बताया कि बड़े पिता के घर में डकैती पड़ी है। इसकी जानकारी होते ही तुरंत मोटरसाइकिल से विजय शंकर यादव को साथ लेकर म्योरपुर चौकी गया और तहरीर दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में म्योरपुर थाना क्षेत्र के लोहबन्द गांव निवासी डकैत लरमी पुत्र विश्वनाथ समेत दो के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी डकैत लरमी को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं दूसरे आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *