वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही अब मथुरा के शाही ईदगाह का भी सर्वे होगा

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार
मनमोहन राय

बर्बर मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर बनवाया था मथुरा का शाही ईदगाह, अब कोर्ट के आदेश पर सर्वे से आएगा सच सामने

इस मामले में अर्जी मथुरा की जिला अदालत में एक साल पहले दाखिल की गई थी. हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ईदगाह मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हजारों मंदिर तुड़वाए थे. मथुरा स्थित शाही ईदगाह की दीवार मंदिर की आकृति से मेल-खाती है.
शाही ईदगाह में सर्वे का आदेश जिला अदालत ने 24 दिसंबर को दिया, जिसमें कहा गया कि परिसर में 2 जनवरी से सर्वे किया जाए. उसके बाद पूरी रिपोर्ट 20 जनवरी को अदालत के समक्ष प्रस्तुत की जाए. हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिह्न, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे श्रीकृष्ण का गर्भ गृह है.
हिंदू पक्षकार मनीष यादव और वकील महेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं. उनका कहना है कि ये सबूत वैज्ञानिक सर्वे के बाद सबके सामने आ जाएंगे.हिंदू सेना ने अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने शाही ईदगाह को हटाने के लिए याचिका दायर की है. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद दशकों पुराना है. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है.दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. इसके बाद 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई. इस जंग में मराठाओं की जीत हुई. जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया. 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी. 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली.

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