राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग  के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के परिप्रेक्ष्य में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का हुआ

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

         घोरावल तहसील सभागार में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त रुप से अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में साप्ताहिक कार्यक्रम में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला  न्यायाधीश  श्री सत्य जीत पाठक ने कहा कि महिलाओं में महिलाओं के सम्मान के लिए यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की जानकारी देते हुए कहा कि कानून में पुरुषों की भांति महिलाओं को भी बराबर के अधिकार दिये हैं। इसके अलावा भी महिलाओं के लिए अलग से भी कई कानून बनाये गये है महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोग बेटी को घर का बोझ समझते है जो गलत धारणा है, बेटी बोझ नहीं है बल्कि वह पीहर में रहकर भी अपना घर रोशन करती है और ससुराल में जाकर भी अपना घर रोशन रोशन करती है। इस तरह से बेटी दो घरों को रोशन करने का कार्य करती है। वही आज कि रिसोर्स पर्सन साधना मिश्रा( डी०सी० जिला प्रोबेशन कार्यालय) ने उपस्थित लोगो से अपील कि महिलाओं को सम्मान तभी प्रगति करेगा, जब हम महिलाओं के सम्मान के लिए तत्पर रहेंगें, महिलाएं ही राष्ट्र कि आँख होती है आज कि महिलाएं पुरुषो से कंधे से कन्धा मिलाकर चल रहीं हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे मुद्दे है, जिनसे महिलाये संघर्षरत हैं, जैसे शिक्षा का न मिल पाना, भेदभाव, रूढ़िवादी सोच, दर्दनाक बढ़ते अपराध आदि जैसे अपराधों से जूझ कर निकल रही हैं, इसमें बदलाव लाने के लिए कानूनों का सख्ती से पालन किया जाये, बढ़ते अपराधों पर रोक लगाई जाये, उन्होंने कहा कि लक्ष्मी जैसी कई अदम्य महिलाये जो एसिड अटैक का शिकार हुई हैं, लेकिन आम जिंदगी जीना पसंद करती है और दुसरो के लिए रोल मॉडल बनी है, हमें महिलाओ का सम्मान जेंडर के कारण नहीं बल्कि उसकी स्वयं कि पहचान के लिए करना होगा। आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मातृ शक्ति से आह्वान किया कि वे बेटी व बेटे में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें और बेटे की भांति बेटी को भी समान शिक्षा, खान-पान सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाये। इस दौरान उप जिलाधिकारी घोरावल श्री प्रभाकर सिंह ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरूषों के समान ही कदमताल कर रही हैं, क्योंकि संविधान स्त्री एवं पुरूष दोनों को एक समान अधिकार प्रदान करता है। इस अवसर पर साहिना बारसी बाल विकास परियोजना अधिकारी हरी मोहन, सुपरवाइजर, लेखपाल आँगनबाड़ी संग सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *