झूठी एफआईआर लिखे जाने का आरोप लगाते हुए ग्रामवासियों ने पुलिस अधीक्षक से लगाया गुहार

कुशीनगर

विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर

झूठी एफआईआर लिखे जाने का आरोप लगाते हुए ग्रामवासियों ने पुलिस अधीक्षक से लगाया गुहार

अपने ही गांव के एक युवक पर लगाया फर्जी मुकदमा लिखवाने का आरोप

युवक पर कसया थाने से साठगांठ का भी ग्रामवासी लगा रहे आरोप

कसया थानांतर्गत शिवपुर बुजुर्ग नूरी टोला, सखवनिया जनपद कुशीनगर के निवासी नवीजान वारसी ने अपने ही गांव के एक युवक पर फर्जी मुकदमे लिखवाने का आरोप लगाते हुए कुशीनगर पुलिस अधीक्षक से जांच के लिए गुहार लगाया हैं। तहरीर के अनुसार हम भारतीय संविधान, कानून, न्यायपालिका व सत्य पथ व न्याय पथ में विश्वास रखने वाले लोग हैं। विगत 5 महीने से गांव के ही एक मनबढ़ परिवार व कसया थाने का हिस्ट्रीशीटर सरवर आलम व इनके परिजनों द्वारा लगातार एक के बाद एक मनगढ़ंत कहानी बनाकर फर्जी तरीके से गांव के सैकड़ों लोगों पर अभी तक 8 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।
ज्ञातव्य हो कि उक्त समस्त मुकदमे सरवर आलम के दादा मकसूद आलम, व दादी समा खातून, चाचा आबिद हुसैन, व चाची रेहाना खातून उसके रिश्तेदार इमामुद्दीन द्वारा पूर्वनियोजित तरीके से साजिशन ग्राम सभा के नाबालिक बच्चों, युवाओं, छात्रों, अधेणों बुजुर्गों पर दर्ज कराए गए हैं। जिसमें खासकर पढ़ने वाले छात्रों, स्वरोजगार करने वाले युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य को बर्बाद करने की नियत से टारगेट किया जा रहा है। ज्ञातव्य हो कि इन एफ आई आर में कसया पुलिस द्वारा बनाए गए अभियुक्तो में से किसी पर 5 माह पहले कोई अपराधिक इतिहास नहीं रहा। कसया पुलिस लगातार एक के बाद एक हिस्ट्रीशीटर सरवर आलम के परिजनों के मुकदमे दर्ज करती जा रही है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कसया पुलिस का समर्थन व प्रश्रय प्राप्त है। ऐसा लगता है कि कसया पुलिस सत्य के अनुसंधान के क्रम में सरवर व उनके परिजनों के रूप में परम सत्य भगवत प्राप्ति पा गई है। प्रथम दृष्टया ही कोई भी जिम्मेदार प्रशासन यह जान सकता है कि यह अभियोग किस भावना से प्रेरित है। हम सब न्याय की उम्मीद में आपके समक्ष सादर उपस्थित होकर प्रार्थना करते है की
1. किसी विशेष जांचदल/ एजेंसी द्वारा इन समस्त अभियोगो का पुनः परीक्षण/ निष्पक्ष विवेचना कराया जाना न्याय हित होगा।

2. जिन मेडिकल रिपोर्ट्स इंजरी के आधार पर कसया पुलिस ने यह 8 अभियोग पंजीकृत किए है उन समस्त चोटो/ इंजरी की जांच बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के द्वारा पुनः प्रशिक्षण सुनिश्चित कराया जाना न्याय हित में होगा।
3. जिन चोटों के आधार पर यह अभियोग पंजीकृत हुए इनमें से कितने भी प्राकृतिक / नेचर आकस्मिक दुर्घटनाजन थी इसकी भी गोपनीय जांच कराई जाए क्योंकि इनके घर में अगर किसी छोटे बच्चे को खेलने कूदने के दौरान चोट लगती है तो भी उनकी इंजरी रेपोर्ट तैयार कर निर्दोष लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज करा देते हैं इसकी भी निष्पक्ष नांच होना न्याय संगत होगा।
सभी ग्रामवासी इन बिंदुओं की निष्पक्ष जांच प्रभावी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी विशेष जांच दल छ अधिकारियों की एक टीम पैनल बनाकर करने की मांग किए ताकि सभी निर्दोष लोग इससे बरी हो सके। अन्यथा की स्थिति में हम सब ग्रामवासी जिला मुख्यालय पर न्याय के लिए उपवास /आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे।

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