विद्युत कर्मियों का धरना प्रदर्शन जारी

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

ओबरा-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के सभी कर्मचारियों के साथ-साथ ओबरा तापीय परियोजना के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा/संविदा कर्मियों ने आज प्रातः 10 बजे से कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है।बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉईज एण्ड इंजीनियर्स(एनसीसीओईईई) ने उप्र के बिजली कर्मियों के आन्दोलन के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एनसीसीओईईई के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रान्तों के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर लगभग 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगें।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि आज 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल प्रारंभ होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि 03 दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में मा. ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था किंतु समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है एवं ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एन.टी.पी.सी. को दिये जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है।संघर्ष समिति के पदाधिकारीयों ‌ अंकित प्रकाश,अजय कुमार प्रजापति ,मनीष मिश्रा,अजय प्रताप सिंह, अजय सिंह,आरजी सिंह,योगेंद्र कुमार ,आनंद पटेल ,नित्यानंद सिंह,अनुराग मिश्रा,हरदेव नारायण तिवारी, लालचंद, प्रहलाद शर्मा, श्रीकांत गुप्ता, उमेश कुमार, विनोद कुमार सिंह ,दिनेश कुमार यादव,सतीश कुमार, विंध्याचल ,शाहिद अख्तर दिनेश सिंह ,दीपक कुमार, रमेश राय, विजय सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी के प्रति पूरा सम्मान व निष्ठा व्यक्त करते हुए समझौते को लागू कराने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का उ्देश्य हड़ताल कदापि नहीं है, हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाये तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर उप्र को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं।

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