सफल समाचार
शेर मोहम्मद
महुआडीह पुलिस एक पीड़ित परिवार की मदद करने की बजाय उसे सुलह करने के लिए धमका रही है। नहीं मानने पर थाने पर तैनात एक दरोगा की तरफ से पीड़ित पक्ष को गाली – गलौज किया जा रहा है। उन्हें आरोपी के साथ उलटे जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन दरोगा की दबंगई और धमकी के आगे उनकी एक नहीं चल रही।
ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों के बीच खूब चर्चा है। महुआडीह क्षेत्र के एक गांव की किशोरी को क्षेत्र के ही एक गांव का युवक अपने प्रेम जाल में फंसाकर 8 अप्रैल की रात को उसके घर से बहला- फुसलाकर भगा ले गया। पीड़ित परिवार ने थाने पर पहुंचकर तहरीर दी। तीन दिन बाद पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया। उसका बयान दर्ज कर उसे बाल संरक्षण गृह भेज दिया।
उधर,पीड़ित पक्ष आरोपी युवक पर केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग करने लगा। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया। लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। उस पर पॉक्सो भी नहीं लगाया गया। पीड़ित पक्ष किशोरी को घर ले जाने से यह कहते हुए साफ मना कर दिया कि पुलिस उन्हें धोखे में रखकर मनमानी कर रही है। पुलिस किशोरी को उसके नाना की सुपुर्दगी में गैर जनपद भेज दिया।
इसी बीच एक आडियो वायरल हुआ। उसमें साफ सुनाई दे रहा है कि महुआडीह थाना पर तैनात, इस मामले की विवेचना कर रहा एक दरोगा परिजनों को बुलाया। आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय इधर – उधर की बात कर पीड़ित पक्ष को ही धमकाने लगा। गाली-गलौज करते हुए कहा कि तुम लोग मामले को रफा-दफा कर लो नहीं तो युवक को जेल भेजने के बाद तुम लोगों पर भी केस दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा। पीड़ित परिवार के साथ गए गांव के पड़ोसियों को भी भला-बुरा कहा। इससे परिवार सहमा हुआ है।
सोशल मीडिया पर दरोगा के हड़काने का आडियो वायरल होते ही मामले को लेकर लोगों के बीच पुलिस के करतूत पर चर्चा हो रही है। इस संबंध में एसओ महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि धमकाने की बात गलत है। अर्थ का अनर्थ किया जा रहा है। पीड़ित परिवार जांच/कार्रवाई में पुलिस को सहयोग नहीं कर रहा है। इसलिए उन्हें डांटा जा रहा है।