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शेर मोहम्मद
गोरखपुर के माफिया विनोद उपाध्याय के जमानतदारों के घर पुलिस दस्तक दे रही है। शहर के विभिन्न मोहल्लों में निवास करने वाले करीब आठ लोगों ने माफिया की जमानत कुछ मामलों में ली है। इसके चलते इससे जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। उनको डर है कि माफिया से दोस्ती महंगी पड़ सकती है।
गोरखपुर के माफिया विनोद उपाध्याय की जिले में ससुराल है। इस कारण उसका हमेशा जनपद में आना-जाना होता है। सूत्रों के अनुसार विनोद उपाध्याय का जिले में तगड़ा नेटवर्क है। लखनऊ और गोरखपुर में रहने वाले जिले के कुछ युवा उसके बेहद करीबी मित्र हैं। इस कारण वह माफिया से बात भी करते थे और उसके साथ अवैध धंधे में उनके संलिप्त होने की बात भी सामने आ रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार माफिया के खिलाफ शाहपुर में एक मुकदमा गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हुआ था। इसमें शहर के चकियवा मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति ने उसकी जमानत ली थी। वह बस्ती में हुई एक घटना के मामले में रामनाथ देवरिया मोहल्ला के दो लोगों ने प्रभाकर द्विवेदी और विनोद के जमानतदार पड़े थे। अयोध्या में दर्ज एक मुकदमे में भी विनोद के जमानतदार शहर के भुजौली कालोनी निवासी हैं। ऐसे जमानतदारों की पुलिस अधीक्षक नगर गोरखपुर कृष्ण कुमार विश्नोई ने सूची तैयार कर देवरिया पुलिस को सौंप दी है। इन जमानतदारों को एसपी नगर ने विभिन्न तिथियों में अपने कार्यालय में तलब किया है। इसमें बताया गया है कि माफिया से संबंधित विधिक जानकारी के लिए उपस्थिति अनिवार्य है।
माफिया जनपद के युवाओं को अपने गिरोह में रखा हुआ है। वह अवैध जमीन का कारोबार अपने साथियों के साथ करता है। उसके अपराध में जिले के कुछ युवा भी शामिल रहते हैं, जो जिले की विवादित जमीनों और मकानों पर कब्जा करते हैं, जिसकी पंचायत विनोद उपाध्याय करता है। यहीं के कुछ लोगों ने विनोद की दोस्ती अंशू दीक्षित से कराई थी। दोनों के गठजोड़ ने जिले में रंगदारी भी वसूलने का काम किया है।
गोरखपुर की पुलिस ने देवरिया के जमानतदारों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजी है। उनके घर कोतवाली पुलिस भेजकर जानकारी दी गई है। माफिया से संबंध रखने वाले लोगों पर पुलिस की नजर है।
राजेश कुुमार, एएसपी