सफल समाचार
सुनीता राय
बस्ती शहर के एक निजी अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद भी इलाज करने व 70 हजार रुपये का बिल बनाने का आरोप लगा है। इस मामले में बच्चे के परिजनों ने तहसील दिवस में फरियाद की। सीएमओ ने जांच टीम गठित कर सप्ताह भर में रिपोर्ट मांगी है।
शहर के रहमतगंज निवासी अदीम अंसारी ने तहसील दिवस में दिए शिकायती पत्र में कहा है कि उनके सात माह के भतीजे रोहान पुत्र अब्दुल रहमत की तबीयत खराब हो गई। उसे निजी हास्पिटल में 25 जून को भर्ती करा दिया गया। चिकित्सकों ने बच्चे को पीआईसीयू में रखा। इसके बाद उसका इलाज शुरू हो गया, मगर अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के पास किसी को जाने की इजाजत नहीं दी।
ऐसे में पूरा परिवार दूर से ही बच्चे को देखता था। बच्चे का क्या इलाज हो रहा है, इसकी जानकारी बाहर आकर बता दिया जाता था। 28 जून की दोपहर डॉक्टर व तकनीशियन ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर है, उसे कहीं और ले जाएं। इसके बाद बच्चे को परिवार के लोगों को सौंपा गया। उस समय भी बच्चा बेहोश था। यहां से बच्चे को लेकर लखनऊ के राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सक ने देखने के बाद बताया कि इस बच्चे की मौत 18 घंटे पहले हो चुकी है।
यह भी बताया कि बच्चे के गले की सारी नसें जाम हैं। जो विगो लगाया गया था वह भी जाम था। आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद भी डॉक्टर इलाज करते रहे और 70 हजार रुपये ले लिया। आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने मृत्योपरांत भी बच्चे को जिंदा बताकर इलाज का दिखावा करते रहे। परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने कहा कि मामला बुधवार की देर शाम संज्ञान में आया है। इस मामले में एसीएमओ डॉ. एके मिश्र के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम को जांच के लिए नामित कर सप्ताह भर में रिपोर्ट मांगी गई है। यदि अस्पताल की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई की जाएगी।