आईजी के आने के बाद पीड़ित के दरवाजे पर तैनात किए गए दो पुलिसकर्मी

उत्तर प्रदेश कुशीनगर
सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

मंसाछापर। पडरौना कोतवाली क्षेत्र का चिरइयहवा गांव शुक्रवार की देर शाम हुए हंगामे के बाद चर्चा में आ गया। शनिवार की शाम को आईजी के दौरा करने के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा रहा। पीड़ित के दरवाजे के सामने दो पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

चिरइयहवा गांव में 23 जून को एक जमीन पर कब्जा हटवाने के बाद दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें घायल बुजुर्ग विश्वनाथ राजभर की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार की देर शाम पीड़ितों के घर से लौटते समय लोगों ने पूर्व राज्य मंत्री डॉ. अरविंद राजभर के काफिले को रोक दिया था।

पूर्व राज्यमंत्री डॉ. अरविंद राजभर का आरोप था कि उनके काफिले पर पत्थर फेंका गया और उन्हें 40 मिनट तक रोके रखा गया। राज्य मंत्री के आरोप के बाद घटना की जांच करने आईजी जे रविंद्र गौड़ भी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी लिए। रविवार को गांव में सन्नाटा पसरा रहा। इक्का दुक्का लोग आते-जाते दिखे।

मृतक के घर के सामने दो पुलिसकर्मी तैनात

चिरइयहवा गांव में मृतक विश्वनाथ राजभर के घर के सामने दो पुलिसकर्मी तैनात दिखे। गांव में सन्नाटा पसरा रहा।

लंबे समय से विवादित जमीन पर था आरोपियों का कब्जा
जिस जमीन के लिए इतना बड़ा विवाद हो गया, मारपीट में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इस मामले में लोगों का कहना था कि उस विवादित जमीन पर तीन आरोपियों का लंबे समय से कब्जा था। पीड़ित की जमीन के सामने ही यह थोड़ी सी विवादित जमीन थी, जिसे हटवाने के लिए लंबे समय से मामला चल रहा था। पीड़ित परिवार ने सीएम के जनता दरबार में भी अवैध कब्जा हटवाने की मांग की थी।

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