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विश्वजीत राय
पडरौना। तेज बुखार के बाद अब डायरिया कहर बरपा रही है। बच्चों के साथ बड़े लोग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती 86 मरीजों में 59 लोग डायरिया सेे पीड़ित हैं। इसकी वजह बदलते मौसम में खान-पान की गड़बडी डॉक्टर बता रहे हैं। बेड फुल होने के चलते एक बेड पर दो मरीजों को रखा गया है।
जिला अस्पताल में सोमवार को 979 लोगों ने ओपीडी में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। दस्त और पेट दर्द के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इमरजेंसी में कुछ देर इलाज के बाद डॉक्टर जनरल वार्ड में मरीजों को शिफ्ट कर दे रहे हैं। बेड से अधिक मरीज होने के कारण हर रोज कहासुनी स्वास्थ्यकर्मियों से हो रहा है। इसके लिए प्राचार्य और सीएमएस के पास शिफारिश भी पहुंच रही है। बावजूद बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
सुबह 8:30 बजे डॉ. मालेे श्रीवास्तव और डॉ. वीरेंद्र राउंड पर पहुंचेे तो वार्ड की स्थिति देखकर हैरान हो गए। राउंड के बाद 15 मरीजों को डिस्चार्ज किया। इसके बाद रात को आए मरीजों को बेड मिल सका। यह एक दिन की नहीं करीब एक माह से ऐसी हालात जिला अस्पताल के जनरल, चिल्ड्रेन, इमरजेंसी, पीआईसीयू, एसएनसीयू वार्ड की है। अव्यवस्था के बीच मरीजों को इलाज मजबूरी बन गई है। जनरल वार्ड में भर्ती मेवाती, नत्थू, रामकृपाल, रफीक ने बताया कि 10 बजे इमरजेंसी से वार्ड में भेज दिए लोग, लेकिन बेड नहीं मिला।
एक घंटे मशक्कत बाद मिल रहा इलाज
रजिस्ट्रेशन कराने और डॉक्टर से दिखाने में मरीजों को एक घंटे तक मशक्कत करनी पड़ रही है। इसकी वजह बदइंतजामी के अलावा जिम्मेदारों की लापरवाही है। जिला अस्पताल में इलाज कराने अगर आ रहे हैं, तो पूरे दिन गुजर जाएंगे। ओपीडी में सोमवार को सुबह 9:30 बजे डॉक्टर बैठे, जबकि आठ बजे से ही मरीज पहुंचने लगे। विलंब की जानकारी पूछने पर मालूम हुआ कि डॉक्टर वार्ड में राउंड कर रहे हैं। इंतजार के बाद कतार में घंटे भर खड़ा होना पड़ा तब इलाज मिला।
तुर्कपट्टी से आई फातमा, कसया की बेगम जहां, प्रेमवलिया की निशा बानो, कोन्हवलिया के गुड्डू, कसया के प्रेम कुमार ने बताया कि सुबह आठ बजे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचे, आधे घंटे कतार में लगने के बाद पर्ची कटी। लेकिन डॉक्टरों की इंतजार में कई घंटे लग गए। इसके चलते इलाज में ही पूरा दिन निकल गया। खून की जांच और सीने का एक्सरे भी कराना है, जो रिपोर्ट दूसरे दिन मिलेगी। जिला अस्पताल में इलाज कराना बड़ा कठिन है।
दवा काउंटर और पैथोलॉजी में जूझते रहे लोेग
पैथोलॉजी में 287 लोगों के खून की जांच सोमवार को हुई। करीब 52 लोगों की रिपोर्ट में समय अधिक लगा, इसलिए इन्हें दूसरे दिन बुलाया गया। ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर इमरजेंसी, दवा वितरण और जांच प्रक्रियाओं में समय अधिक लग रहा है।
वार्ड में मरीज से अधिक तीमारदार भरे
70 बेड वाले जनरल वार्ड में एक मरीज के साथ तीन से चार लोग बेड के आसपास रह रहे हैं। इसकी वजह से मरीजों में इंफेक्शन फैलने का डर तो बना ही है, घुटन भी अधिक हो रही है। स्वास्थ्य कर्मियों के मना करने के बाद भी लोग नहीं मान रहे हैं। तीमारदार तर्क दे रहेे हैं कि मरीजों को पानी की जरूरत पड़ रही है, तो छत से नीचे जाना पड़ रहा है। कौन जाएगा, वार्ड में पीने के लिए पानी तक का इंतजाम नहीं है।
वर्जन
मौसम में तेजी से उतार-चढ़ाव इन दिनों हो रहा है। इसके चलते डायरिया या ऐसे लक्षण के अधिक मरीज आ रहे हैं। इलाज के साथ-साथ तेल, मसाला और बासी भोजन से परहेज बताया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज निर्माण के चलते थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है।