शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखने के बयान पर सवाल उठाए हैं।

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेंहदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर राय तभी दी जा सकती है, जब सरकार उसे परिभाषित करे।

मेंहदी ने बयान जारी कर कहा कि सरकार ने यूसीसी पर जानकारी हासिल करने के लिये विधि आयोग का गठन किया है। इस आयोग ने 15 जुलाई तक लोगों से इस पर राय देने को कहा है। हम इस पर अपनी राय और सुझाव उस वक्त दे सकते हैं, जब सरकार यूसीसी को परिभाषित कर बताए कि वह क्या चाहती है और उसके मुताबिक यूसीसी क्या है।

उन्होंने आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखने के बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी के बयान पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि क्या आदिवासी हिन्दुस्तानी नहीं है या फिर आप जिसको चाहेंगे, उसे यूसीसी में शामिल करेंगे और जिसको चाहेंगे, उसे अलग रखेंगे। केंद्र सरकार सुशील मोदी के बयान पर भी अपनी राय साफ करे। उन्होंने कहा कि यूसीसी तमाम धर्म के मानने वालों को नुकसान पहुंचाएगा।

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