सड़क पर उतरे इलाहाबादव विश्वविद्यालय छात्रों का कहना है कि छात्र के शव को पहले छात्रसंघ भवन पर लाया जाए,

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

सड़क पर उतरे इलाहाबादव विश्वविद्यालय छात्रों का कहना है कि छात्र के शव को पहले छात्रसंघ भवन पर लाया जाए, इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जाए। उधर पुलिस ने मृत छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। इसके विरोध में छात्र सड़क जाम कर नारेबाजी कर रहे हैं। मौके पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। विवि प्रशासन और छात्रों के बीच झड़प और हाथापाई भी हुई।

छात्र की मौत के मामले में आक्रोशित छात्रों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन के सामने बुधवार को चक्काजाम शुरू कर दिया। आक्रोशित छात्र मृतक छात्र का शव छात्रसंघ भवन पर लाने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि शव को पहले छात्रसंघ भवन पर लाया जाए, इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जाए। उधर पुलिस ने मृत छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी होते ही छात्र सड़क जाम कर नारेबाजी कर रहे हैं। मौके पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। छात्रों के साथ मृतक आशुतोष के पिता भी सड़क पर बैठे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर कार्रवाई की मांग की है। आक्रोशित छात्रों और इविवि प्रशासन के बीच तीखी झड़प और हाथापाई भी हुई।

छात्र आशुतोष दुबे के पिता गणेश शंकर दुबे भी छात्रों के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं। उनका आरोप है कि उनके पुत्र आशुतोष की मौत के लिए चीफ प्रॉक्टर, डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार और कुलपति जिम्मेदार हैं। मांग कर रहे हैं कि चारों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया जाए और बेटे की मौत का उचित मुआवजा मिले। गणेश शंकर दुबे का कहना है कि वे अपने पुत्र का शव इलाहाबाद विश्वविद्यालय लाना चाहते थे, ताकि अन्य छात्र अंतिम दर्शन कर पाते लेकिन पुलिस प्रशासन ने जबरदस्ती शव को गांव भेजवा दिया।

मृत छात्र के पिता ने दी नई तहरीर

छात्र आशुतोष के पिता गणेश शंकर दुबे ने पुलिस प्रशासन को नई तहरीर दी है। इस बार तहरीर से कुलपति और रजिस्ट्रार का नाम बाहर किया गया है। नई तहरीर में डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ नामजद एफआईआर की मांग की गई है। इन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से तहरीर स्वीकार किए जाने के बाद धरना खत्म हुआ। पुलिस आशुतोष के पिता को अपने साथ गांव ले गई है, जहां शाम को आशुतोष का अंतिम संस्कार किया जाना है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर शाम छह बजे छात्रों ने शोक सभा बुलाई है।

जानें क्या है मामला

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बी.वोक का छात्र आशुतोष द्विवेदी (23) मंगलवार दोपहर अचेत होकर गिर गया। साथी छात्र उसे ई-रिक्शे से एसआरएन अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आशुतोष पुत्र गणेश शंकर द्विवेदी इविवि के मीडिया अध्ययन केंद्र के बी.वोक पंचम सेमेस्टर का छात्र था। वह मूल रूप से आरोखुर्द, चांदोपारा, हंडिया का रहने वाला था। दो बहनों में घर का इकलौता बेटा था।

पिता प्राइवेट जॉब करते हैं। आशुतोष अल्लापुर में अपने रिश्तेदार के घर रहकर पढ़ाई करता था। साथी छात्र रमन ने बताया कि दोपहर लगभग 12:45 बजे आशुतोष इविवि में आया और एसबीआई के बगल स्थित कार्यालय में लगे वाटरकूलर से पानी पीया। इसके बाद बाहर निकला ही था कि अचेत होकर गिर पड़ा। साथी छात्र उसे अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर शव मोर्चरी भेज दिया। कर्नलगंज इंस्पेक्टर राममोहन राय ने बताया कि बुधवार को पोस्टमार्टम में मौत की वजह सामने आएगी।

छात्रों का आरोप- बुलाने के बावजूद नहीं आई एंबुलेंस

एसआरएन अस्पताल में मृत छात्र के साथियों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद वह इविवि कैंपस में मौजूद एंबुलेंस को बुलाने गए। लेकिन चालक ने मना कर दिया। कहा कि आधिकारिक सूचना मिलने पर ही वह जाएगा। उधर अस्पताल पहुंची छात्र के माता मंजू देवी व पिता का रो-रोकर बुरा हाल रहा।

मोर्चरी के बाहर हंगामा

उधर छात्र की मौत के बाद पहुंचे दर्जनों छात्र नेताओं ने मोर्चरी के बाहर हंगामा भी किया। आरोप लगाया कि विवि में मौजूद एंबुलेंस समय पर आती, तो शायद छात्र की जान बच जाती। मीडिया सेंटर के छात्र अंकित शुक्ला, देवेंद्र यादव व अभिषेक तिवारी ने कहा कि सीएमएस परिसर में न तो वाटर कूलर है और न ही शौचालय की कोई व्यवस्था है। इसके लिए दूसरे विभाग में जाना पड़ता है। घटना की सूचना पर मीडिया अध्ययन केंद्र की डायरेक्टर विधु दास खरे सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे।

‘एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही छात्र को लेकर चले गए थे साथी’

उधर एंबुलेंस समय से न आने के आरोप को इविवि की जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर ने गलत बताया है। उनका कहना है कि विवि के स्तर पर इस मामले में कोई लापरवाही नहीं की गई है। सूचना प्राप्त होते ही एंबुलेंस तुरंत भेज दी गई थी। छात्र को अगर एंबुलेंस से ले जाया गया होता तो शायद जल्दी और समय रहते अस्पताल पहुंचा जा सकता था। उन्होंने इविवि की ओर से छात्र के निधन पर संवेदना व्यक्त की।

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