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आकाश राय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी से दुष्कर्म के आरोपी सिपाही को राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और विवेक कुमार सिंह की खण्डपीठ ने याची रणधीर पटेल और एक अन्य की ओर से एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर याची अधिवक्ता सुनील चौधरी और शिकायतकर्ता के अधिवक्ता मनोज कुमार यादव को सुन कर दिया।
मामला प्रयागराज जिले के थाना जार्जटाउन का है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची और शिकायतकर्ती की पुत्री ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। यूपी पुलिस में सिपाही पद पर चयन होने पर याची ट्रेनिंग पर चला गया था। इस दौरान सिपाही और उसकी पत्नी के बीच बातचीत नहीं हो सकी, तो पत्नी की मां ने याची और उसके परिजनों के विरूद्घ एफआईआर दर्ज करवा दी है। याची और उसकी पत्नी के बीच पारिवारिक न्यायालय में वैवाहिक पुर्नस्थापना का वाद भी लंबित है।
शिकायतकर्ती के वकील और राज्य सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची ने पीडि़ता की गर्दन पर चाकू रख कर जबरन दुष्कर्म किया है। पीडि़ता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष याची के विरूद्घ बयान भी दर्ज करवाया है। कोर्ट ने मामले में याची को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, साथ ही राज्य सरकार को दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया है। गिरफ्तारी पर रोक पुलिस की फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने तक जारी रहेगी।