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आकाश राय
अतीक अहमद व अशरफ हत्याकांड की विवेचना में जुटा विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोप पत्र तैयार कर लिया है। हालांकि कई राज खुलने अब भी बाकी हैं। यहां तक कि शूटरों का फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले का भी पता नहीं लग पाया। काफी पूछताछ के बाद भी शूटरों ने जाली आधार बनाने वाले अपने मददगार का नाम नहीं कबूला। अतीक-अशरफ हत्याकांड में गिरफ्तार तीन शूटरों सनी सिंह, लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य के खिलाफ चार्चशीट तैयार हो चुकी है।
सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान, वैज्ञानिक साक्ष्य समेत तमाम सबूत उनके खिलाफ एसआईटी ने इकट्ठे कर लिए हैं। इन सबूतों में दो फर्जी आधार कार्ड भी हैं जो सनी व लवलेश के हैं और इन्हें हत्याकांड से पहले दोनों ने बनवाया था। इन्हीं का इस्तेमाल दोनों ने वारदात से पहले जंक्शन के पास स्थित होटल में ठहरने के लिए किया था। इसी कारण मामले में हत्या के साथ ही दस्तावेजों की कूटरचना संबंधी धारा भी मुकदमे में बढ़ाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक, विवेचना के दौरान एसआईटी उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकी, जिसने शूटरों के जाली आधार कार्ड बनाए। एसआईटी सदस्यों के गहन पूछताछ करने के बाद भी उन्होंने अपने उस मददगार का नाम-पता नहीं बताया, जिसने जाली आधार कार्ड बनाने में उनकी मदद की।
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