जिस नाले से शहर की करीब दो लाख आबादी को जलभराव से निजात की उम्मीद थी, उसकी दीवार बारिश की फुहार नहीं झेल पा

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

रुद्रपुर मोड़ के पास टूट गया है नाला, सितंबर माह में खोराराम रोड किनारे ढह गई थी नाले की दीवार

शहर की जल निकासी के लिए 44 करोड़ की लागत से बन रहा है 8.8 किमी पक्का नाला

देवरिया। जिस नाले से शहर की करीब दो लाख आबादी को जलभराव से निजात की उम्मीद थी, उसकी दीवार बारिश की फुहार नहीं झेल पा रही है। बीते साल सितंबर माह में खोराराम रोड के किनारे पक्के नाले की दीवार ढही थी। अब रुद्रपुर मोड़ के पास नाला टूट गया है। बनने के साथ ही टूटते नाले को देख शहरवासियों की चिंता बढ़ने लगी है। लोगाें का कहना है कि बिना जल निकासी के नाले का यह हाल है तो आगे हमें जलभराव से निजात कैसे मिलेगी।
शहर के खोराराम स्थित कुर्ना नाले से करीब 8.8 किलोमीटर नाला निर्माण का कार्य बीते साल अप्रैल में शुरू हुआ। इस नाले से शहर की करीब दो लाख आबादी को जल भराव से मुक्ति दी जानी है। इस आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना की घोषणा 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद आगमन पर की थी। हालत यह है कि नाले की दीवार बनने के साथ ही अब तक चार से पांच जगहों पर गिर चुकी है। हालांकि इसके डिजाइन और मैटेरियल आदि की जांच भी कराई गई है। जांच रिपोर्ट में अनियमितता होने की पुष्टि भी हो चुकी है।

घटिया सीमेंट का हुआ है उपयोग
नाम न छापने की शर्त पर लोक निर्माण विभाग के एक इंजीनियर ने बताया कि नाला निर्माण में घटिया सीमेंट का उपयोग किया गया है। पैचवर्क के निरीक्षण के दौरान कुछ दिन पहले में रुद्रपुर मोड़ पर नाले के पास खड़ा था। नाले पर पैर रखते ही मसाले झड़ गए। लैब जांच में गड़बड़ी जरूर उजागर हुई होगी।

नाला की सफाई में आएगी परेशानी
नगर पालिका के सफाई निरीक्षक राजप्रताप ने बताया कि जिस तरह पक्का नाले की दीवार ढह रही है, उसके हिसाब से तो लग रहा है कि भविष्य में नाला सफाई में बड़ी कठिनाई होगी। अब सिल्ट सफाई के काम मिनी पोकलेन और जेसीबी से कराए जा रहे हैं। ऐसे में हमें सावधानी बरतनी पड़ेगी।

जगह-जगह अधूरा है नाला
खोराराम मार्ग स्थित कुर्ना नाला से कतरारी मोड़ तिराहे तक बड़ा नाला बनाया गया है। वहां मौजूद पुलिया को अब तक नाले से जोड़ा नहीं गया है। पुलिस लाइंस परेड ग्राउंड गेट से देवरिया-सलेमपुर मार्ग पूर्वी नाले तक बनाकर मुख्य नाले में नहीं मिलाया गया है। जजेज काॅलोनी से हास्पिटल रोड पर नाला बनाकर मुख्य नाले में जोड़ा गया है। ऐसी स्थिति में अगर देर तक बारिश हो जाए तो एक चौथाई शहर को जलभराव का सामना करना पड़ेगा।

मानकों की अनदेखी पर गिर चुकी है गाज
आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना की डीएम की अध्यक्षता में गठित टीम से तीन माह पूर्व जांच कराई गई थी। डीएम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर मानकों की अनदेखी करने वाले जल निगम के सहायक अभियंता (नगरीय) अविनाश यादव को शासन ने मई माह में निलंबित कर मुख्य अभियंता कार्यालय गोरखपुर से संबद्ध कर दिया गया है।

नाले की दशा देखकर टूट रही जलनिकासी की आस
पक्का नाले का निर्माण शुरू होने से बड़ी उम्मीद थी। लग रहा था कि अब शहर से जलभराव की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। मगर इसके घटिया निर्माण को देख सारी उम्मीदें टूट गई हैं। अधिकारी ठीक से पर्यवेक्षण किए होते तो नाले की क्वालिटी इतनी खराब नहीं हुई होती।
अभिषेक शुक्ला, नाथ नगर

पक्का नाले का निर्माण मनमर्जी हो रहा है। ठेकेदार से लेकर अधिकारी तक मानकों की अनदेखी कर रहे हैं। नाले से पानी का बहाव हुुआ नहीं तभी टूटने लगा।
चंदन वर्मा, राघव नगर

वर्जन
आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना के तहत बन रहे नाले की जांच कराई गई है। इसमें दोषी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्द ही मैं इस नाले का निरीक्षण करुंगा, गड़बड़ी नजर आने पर एक बार फिर शासन को पत्र भेजूंगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *