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सुनीता राय
विवि प्रशासन ने एआईसीटीई और यूजीसी के गाइडलाइंस का अध्ययन किया। यूजीसी के अनुसार अधिकतम वेतन को देखते हुए गेस्ट फैकल्टी को 50 हजार रुपये वेतन की मंजूरी बोर्ड की बैठक में मिल गई।
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले गेस्ट फैकल्टी का अब न्यूनतम 50 हजार रुपये महीने मानदेय मिलेगा। इसे लेकर औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। बृहस्पतिवार को प्रबंध बोर्ड की करीब तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में उनके मानदेय समेत कई मुद्दों को मंजूरी मिल गई।
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे से प्रबंध बोर्ड की बैठक शुरू हुई। अब तक गेस्ट फैकल्टी को 30 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान था। कम वेतन के कारण अच्छे शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे। विवि प्रशासन ने एआईसीटीई और यूजीसी के गाइडलाइंस का अध्ययन किया। यूजीसी के अनुसार अधिकतम वेतन को देखते हुए गेस्ट फैकल्टी को 50 हजार रुपये वेतन की मंजूरी बोर्ड की बैठक में मिल गई।
बताते हैं कि एमएमएमयूटी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को छह कैटेगरी में बांटा गया है। बोर्ड की बैठक में अकुशल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके अनुभव को देखते हुए न्यूनतम 15 हजार रुपये वेतनमान पर मुहर लग गई। माना जा रहा है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
विद्या परिषद में लिए गए बीटेक, एमटेक में नए कोर्स शुरू करने समेत सभी मिनट्स को प्रबंध बोर्ड की बैठक में रखा गया। वहां पास हुए सभी विषयों को मंजूरी मिल गई। वित्त समिति और अन्य समितियों में लिए गए निर्णयों पर भी मंजूरी मिलने की खबर है।
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