सफल समाचार
आकाश राय
गोरखपुर की अदालत ने परवेज परवाज को सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषी मानते हुए दस साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जिसे अपील में चुनौती दी गई है। अपील दाखिल होने के लगभग तीन साल बाद हाईकोर्ट ने सजा को निलंबित करते हुए आरोपी की जमानत मंजूर कर ली थी।
गोरखपुर के चर्चित समाजसेवी परवेज परवाज की सजा निलंबित कर जमानत पर रिहाई आदेश को राज्य सरकार ने निरस्त करने के लिए अर्जी दाखिल की है। सरकार की अर्जी की सुनवाई 21 जुलाई को होगी। परवेज परवाज को गोरखपुर की अदालत ने पीड़ित से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजा सुनाई है। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है।राज्य सरकार की अर्जी पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने सुनवाई की। अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव व शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने पक्ष रखा।
गोरखपुर की अदालत ने परवेज परवाज को सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषी मानते हुए दस साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जिसे अपील में चुनौती दी गई है। अपील दाखिल होने के लगभग तीन साल बाद हाईकोर्ट ने सजा को निलंबित करते हुए आरोपी की जमानत मंजूर कर ली थी।
सरकार की तरफ से दाखिल जमानत निरस्त करने की अर्जी में कहा गया है कि परवेज परवाज के खिलाफ 14 आपराधिक केस दर्ज हैं। जबकि उनकी तरफ से कहा गया कि केवल एक केस है। जिसमें भी हाईकोर्ट से राहत मिली है। राज्य सरकार की तरफ से सही तथ्य पेश नहीं किए जा सके और कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया। आरोपी की तरफ से गलत तथ्य बताकर राहत दी गई है। इसलिए जमानत निरस्त की जाए।
परवेज परवाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज कराए हैं। घटना के समय सांसद रहे योगी के खिलाफ शासन ने अभियोग चलाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। जिसे परवेज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट भी गए।