सफल समाचार
मनमोहन राय
प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में स्नातक व परास्नातक कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया 24 जुलाई तक पूरी करनी होगी। वहीं 25 जुलाई से 30 जुलाई तक नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन करना होगा। नवप्रवेशित विद्यार्थियों की कक्षाएं 25 जुलाई से शुरू हो जाएंगी।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में स्नातक व परास्नातक कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया 24 जुलाई तक पूरी करनी होगी। वहीं, 25 जुलाई से 30 जुलाई तक नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन करना होगा। नवप्रवेशित विद्यार्थियों की कक्षाएं 25 जुलाई से शुरू हो जाएंगी। वहीं इस सत्र में प्रयोगात्मक परीक्षाओं पर सख्ती की गई है, विश्वविद्यालयों-कॉलेजों को यूट्यूब चैनल पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग करनी होगी।
शासन ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए नए सत्र 2023-24 का शैक्षणिक कैलेंडर सोमवार को जारी किया गया है। इसके अनुसार पहले सेमेस्टर का शिक्षण कार्य दो नवंबर तक पूरा करना होगा। सेमेस्टर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 10 नवंबर तक और परीक्षाएं 11 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच होगी। इसके बाद 15 दिन जाड़े की छुट्टी होगी और परीक्षा परिणाम 10 जनवरी तक जारी करना होगा।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल के अनुसार तीसरे व पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई 17 जुलाई 2023 से शुरू होगी ओर दो नवंबर 2023 तक शिक्षण कार्य पूरा करना होगा। वहीं सेमेस्टर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 10 नवंबर तक और सेमेस्टर परीक्षाएं 11 नवंबर से 20 दिसंबर तक पूरी करनी होंगी। वहीं वार्षिक प्रणाली में भी 24 जुलाई तक नए प्रवेश करने होंगे। 25 जुलाई से पढ़ाई शुरू होगी और 31 मार्च तक कोर्स पूरा करना होगा। इनकी परीक्षाएं 21 अप्रैल से 30 मई के बीच होंगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि प्रयोगिक परीक्षा की पारदिर्शता के लिए सभी शिक्षण संस्थान अपने यूट्यूब चैनल पर प्रायोगिक परीक्षाओं की लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे, जो संस्थान के चैनल पर भी उपलब्ध रहेंगी। इसके लिए संस्थान अपना यूट्यूब चैनल बनाएंगे। इस पर अन्य गतिविधियां भी अपलोड कर सकेंगे।
ये भी दिए गए हैं निर्देश
– गैर शैक्षणिक गतिविधियों से शिक्षण कार्य प्रभावित न हो
– किसी भी परिस्थिति में शिक्षण कार्य कम होने पर अतिरिक्त कक्षाएं चलाएं
– परीक्षाएं निर्धारित समय के अंदर ही आयोजित की जाएं
– प्रवेश कार्य समय पर पूरा न होने का दायित्व कुलसचिव का होगा
– एनईपी के अनुसार विद्यार्थियों का सतत आंतरिक मूल्यांकन होगा
– विषम सेमेस्टर की परीक्षा लिखित व सम की बहुविकल्पीय आधारित होगी