सीएमओ ने इंचार्ज के रूप में तैनात फार्मासिस्ट को सीएमओ ने किया निलंबित

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

जांच की कड़ी में शिकायत करने वाले गार्ड की भूमिका भी संदिग्ध
ड्रग वेयर हाउस पर तैनात कई कर्मचारियों पर हो सकती है कार्रवाई

कुशीनगर। जनपद के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए आने वाले दवाइयां मरीजों को देने की बजाय स्टोर में रखे-रखे एक्सपायर हो जा रही हैं। ताजा उदाहरण कुशीनगर का ड्रग वेयर हाउस है, जहां काफी मात्रा में दवाइयां जमीन के अंदर दबा दी गईं। जांच के डर से रात में उन्हें ठिकाने लगाने की कोशिश के दौरान मामला पकड़ में आया।
यदि सीएचसी-पीएचसी को आपूर्ति की गई दवाइयों और वहां उपलब्ध स्टॉक का मिलान करा दिया जाए तो वहां भी इस तरह की लापरवाही सामने आएगी। डीएम के निर्देश पर ड्रग वेयर हाउस के इंचार्ज फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा डीएम ने दवाइयों की वैधता खत्म होने और उसकी सूचना उच्चाधिकारियों को देने की बजाय जमीन में दबा देने के लिए दोषी लोगों पर केस दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

कुशीनगर में नेशनल हाईवे किनारे संचालित हो रहे ड्रग वेयर हाउस के पास एक्सपायर हुई सरकारी दवाओं को मिट्टी में दो माह पूर्व दबा दिया गया था। गार्ड कमलेश सिंह की शिकायत पर इसकी जांच शुरू हुई।
सोमवार की रात को साक्ष्य मिटाने के लिए ड्रग वेयर हाउस के इंचार्ज फार्मासिस्ट मंतोष पांडेय के सह पर अंधेेरे में जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्राली से दवाओं को जमीन खोदकर दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा था। इसकी जानकारी गार्ड ने डीएम को दे दी।

रात में ही एडीएम प्रशासन वैभव मिश्र के अलावा कई अफसर पहुंच गए और मौके से जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्राॅली थाने भेजवा दिया। जमीन में दबाई गई दवा का जखीरा भी मिला। अभी तक जांच में दोषी मिले फार्मासिस्ट मंतोष पांडेय को डीएम के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। इसे अलावा डीएम ने केस दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं।
हालांकि, इतनी अधिक मात्रा में कागज में सीएचसी, पीएचसी पर भेजी गई दवाएं क्यों नहीं गई और कैसे एक्सपायर हो गईं। इस बिंदु पर भी टीम की जांच जारी है। निलंबित फार्मासिस्ट, शिकायत करने वाले गार्ड समेत ड्रग वेयर हाउस पर ड्यूटी करने वाले कई कर्मचारियों पर केस दर्ज कराने की तैयारी भी चल रही है।
बुधवार की शाम को शाम को सीएमओ कसया पहुंचे और सीएचसी अधीक्षक व तहसील के अधिकारियों-कर्मचारियों से जांच में सामने आए कई तथ्यों की जानकारी लिए। अभी तक की जांच में फार्मासिस्ट पर बिना अनुमति लिए एक्सपायर दवा मिट्टी में दबाने और सीएचसी, पीएचसी पर दवा नहीं भेजने का आरोप मिला है।
चर्चा है कि सीएमओ फार्मासिस्ट को बचाने के लिए अफसरों को भ्रमित कर रहे थे, लेेकिन एडीएम के हस्तक्षेप के बाद फार्मासिस्ट को निलंबित किया गया। चल रही जांच पर डीएम रमेश रंजन नजर बनाए हुए हैं।
सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है। जांच अभी जारी है। कुछ लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
कोट
ड्रग वेयर हाउस में दवाइयां एक्सपायर होने के मामले में वहां तैनात फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। उसमें शिकायतकर्ता गार्ड सहित अन्य लोग शामिल हैं। जांच अभी चल रही है।
-रमेश रंजन, डीएम

नहीं खुला ड्रग वेयर हाउस
शिकायतकर्ता कमलेश सिंह पूरे दिन ड्रग वेयर हाउस पर मौजूद रहा। उसका बुधवार को ताला बंद रहा। स्वास्थ्य या अन्य किसी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वहां नहीं पहुंचे। हालांकि, आस-पास के लोग वहां नजर आए।

अस्पतालों में दवाएं मिलती नहीं, जमीन में दबा दी
जिला अस्पताल हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ज्यादातर मरीजों को सभी दवाइयां नहीं मिल पातीं। उन्हें बाहर से दवा लेनी पड़ती हैं, लेकिन ड्रग वेयर हाउस में लापरवाही के कारण काफी मात्रा में दवाइयां रखे-रखे वैधता तिथि बीत गई। यदि ये दवाएं समय रहते सरकारी अस्पतालों में भेज दी गई होतीं तो खराब नहीं होतीं।

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