गोरखपुर समेत प्रदेश के 52 जिलों में बृहस्पतिवार को एकसाथ बाढ़ पूर्व तैयारियों का पूर्वाभ्यास किया गया

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय

गोताखोर और तैराकों ने पूरी तैयारी के साथ नौकाओं के साथ अभिनय किया। एक युवक नौका से गिरता नजर आया और फिर चीख पुकार के साथ उसे बचाने की नाटकीय अभियान चलाया गया। डूबने से बचाकर वाहर लाने तक सभी का तरीका और अभिनय एकदम वास्तविक था।

गोरखपुर समेत प्रदेश के 52 जिलों में बृहस्पतिवार को एकसाथ बाढ़ पूर्व तैयारियों का पूर्वाभ्यास किया गया। गोरखपुर में आयोजित पूर्वाभ्यास के दौरान अधिकारियों की मौजूदगी में बाढ़ आपदा बचाव से जुड़े एक-एक बिंदु पर मंथन किया गया। जहां भी चूक नजर आई, अफसरों ने उसे तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए। पहले बचाव दल ने वायरलेस सेट के जरिए हल्ला मचाया कि रामगढ़ताल डूब रहा है। रामगढ़ताल पर तो अभियान में तैराकों का अभिनय इतना वास्तविक था कि डूबते युवक को देखने वालों की चीख ही निकल पड़ी।

गोताखोर और तैराकों ने पूरी तैयारी के साथ नौकाओं के साथ अभिनय किया। एक युवक नौका से गिरता नजर आया और फिर चीख पुकार के साथ उसे बचाने की नाटकीय अभियान चलाया गया। डूबने से बचाकर वाहर लाने तक सभी का तरीका और अभिनय एकदम वास्तविक था। यही वजह रही कि उधर से गुजर रहे लोग कुछ देर के लिए तो ठिठक ही गए। उन्हें लगा था कि किसी डूबने वाले को बचाव दल बचाकर बाहर ला रहा है।

पूर्वाभ्यास के तहत तहसील सदर सभागार में बने ईओसी (इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर) में वायरलेस पर सुबह करीब 10 बजे अचानक एक मैसेज गूंजा। पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना दी गई कि अत्यधिक बारिश की वजह से रामगढ़ताल का पानी आसपास के मोहल्लों में घुस गया है। मुख्य सड़क पर यातायात ठप हो गया है। इसी बीच नौका विहार पुलिस पिकेट पर बनी बाढ़ चौकी से सूचना प्रसारित होते ही बाढ़ राहत व बचाव से जुड़े अधिकारी सक्रिय हो गए। यातायात पुलिस ने एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराया, ताकि वे निर्धारित समय पर मौके पर पहुंच सकें।

ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा मिलते ही पुलिस की सायरन बजातीं गाड़ियां और टीमें फटाफट मौके पर पहुंच गईं। बाढ़ के पानी में फंसे 84 लोगों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में बने बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाया। इसमें कुल 48 महिलाएं, 11 बच्चे तथा 26 पुरुष शामिल रहे। राहत शिविर में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई।

महिलाओं का ध्यान रखने के लिए तहसीलदार चौरीचौरा नीलम तिवारी मौजूद रहीं। राहत शिविर का संचालन तहसीलदार सदर के नेतृत्व में था। शिविर में चल रहे कम्युनिटी किचन से बाढ़ प्रभावितों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया गया।

नाव बेकाबू होने से पानी में गिरे लोगों को बचाया

राहत और बचाव कार्य के दौरान कुछ लोग नाव से ताल पार कर रहे थे। ताल की धारा में नाव के बेकाबू होने से कुछ लोग पानी में गिर गए। वहां मौजूद एनडीआरएफ ने उन्हें सुरक्षित बचाया। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति डूबने के दौरान पानी पी लेता है तो पानी कैसे निकाला जाए, क्या सावधानियां बरती जाएं, इसका प्रदर्शन किया गया। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल की टीम को सौंप दिया गया।

इस दौरान डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि आपदा के दौरान हर विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। मॉकड्रिल में घरेलू संसाधनों से बने जीवन रक्षक लाइफ जैकेट का सजीव प्रस्तुतीकरण हुआ। इसमें बांस से बनी नाव, थर्माकोल से बने राफ्ट, बोतल, जरिकेन, फुटबॉल आदि से बने राफ्ट का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस, अग्निशमन विभाग, चिकित्सा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित अन्य विभागों के लोग मौजूद रहे।

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