मेडिकल कॉलेज में आईसीयू न होने से गंभीर मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ रहा है

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

देवरिया। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में आईसीयू न होने से गंभीर मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है। संसाधन की कमी के कारण हर रोज करीब बीस से पचीस मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ रहा है। मरीजों को गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी सहित अन्य महानगरों को जाना पड़ रहा है। वहीं कुछ को प्राइवेट अस्पताल की ओर रूख करना पड़ रहा है। ऐसे में तीमारदारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।

मेडिकल कॉलेज को स्थापित हुए करीब ढाई साल होने को है। इसके शुरू होने पर लोगों को उम्मीद जगी कि अब इलाज की सारी सुविधा मिलेगी और उन्हें महानगरों और निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ेगा। पर अब तक यहां आईसीयू स्थापित नहीं हो सका है। अस्पताल में जनपद में विभिन्न क्षेत्रों के अलावा बिहार प्रांत के सीमावर्ती गांवों के तकरीबन दो हजार से अधिक लोग इलाज कराने आते हैं। इसमें नए व पुराने मरीज होते हैं। डॉक्टर मरीजों को भर्ती कर इलाज करते हैं। मरीज की हालत गंभीर होने पर संसाधन की कमी के कारण उन्हें रेफर करना पड़ता है। वार्ड में भर्ती औसतन करीब आठ से दस मरीजों को हायर सेंटर भेजा जाता है। सक्षम न होने पर कुछ लोग मरीज को समय से दूसरे अस्पताल में लेकर नहीं जा पाते हैं। वहीं इमरजेंसी में आने वाले ज्यादातर गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। यहां से हर रोज करीब दस से पंद्रह मरीजों को हायर सेंटर भेजा जाता है। इसमें कुछ मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं, वहां पहुंच भी नहीं पाते हैं।

इन मरीजों को होती है आईसीयू की जरूरत
दुर्घटना में घायल, लकवा, हृदय रोग, सांस, अस्थमा, सर्जरी, बर्न के अलावा जिन मरीजों की स्थिति गंभीर होती है, उन्हें आईसीयू की आवश्यकता पड़ती है। पर इन मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं हो पा रहा है।

आईसीयू में होने चाहिए ये संसाधन
आईसीयू में जीवन रक्षक प्रणाली होनी चाहिए। इसमें वेंटीलेटर, हाईफ्लो ऑक्सीजन, डीफाइब्रिलेटर, इंफ्यूजन पंप, ऑक्सीजन कसंट्रेटर, मानीटर, ईसीजी, ग्लूको मीटर, बाइपैप, प्रोटेबल एक्स-रे, सेक्सन मशीन, व्हील चेयर, स्ट्रेचर, अत्याधुनिक बेड सहित अन्य उपकरण होते हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ डॉक्टर, ट्रेंड नर्सिंग स्टाफ, एनेथेस्टिस्ट, ईसीजी, एक्स रे मशीन व टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, स्वीपर की तैनाती होनी चाहिए।

आईसीयू स्थापित करने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट की स्थापना की जानी है। जमीन के स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। आने वाले दिनों में समस्या का समाधान हो जाएगा। मरीजों को बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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