सफल समाचार
आकाश राय
बड़े बेटे की इलाज की खातिर एक मां ने अपने नवजात बेटे की बोली लगा दी। उसने कुछ देर पहले ही अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद उसने नवजात बच्चे को बेचने का एलान कर दिया। डेढ़ लाख रुपये तक की बोली लग गई थी। बच्चा बेचने के पीछे मां की बेबसी सुनकर लोगों का दिल पसीज गया।
गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया।
शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पतालकर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया।
कुछ देर बाद वह वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई।
वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उफचार करा सकें।