हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर प्रतिमा पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

मणिपुर में महिलाओं के शरीर को जाति वर्चस्व कायम करने का विषय मत बनाओ, वीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करो, कानून व्यवस्था पर मणिपुर सरकार की जवाबदेही तय करो, मणिपुर में संविधान का अनुच्छेद 355 लागू करो, पहाड़ों और उसके संसाधनों पर आदिवासी बनवासी अधिकारों की रक्षा करो, पहाड़ों पर खनिज संसाधनों पर पूंजीपतियों की लूट के लिए मणिपुर में जाति हिंसा के सूत्रधारों को बेनकाब करो, नफ़रत की राजनीतिक विचारधारा पर कानून बनाओ आदि नारे लगाए। 

मणिपुर में जारी हिंसा, अराजकता और महिलाओं के शरीर पर अमानवीय, बर्बर, वीभत्स हिंसा के विरोध में एआईएलयू के बैनर तले हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर प्रतिमा पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। मणिपुर में महिलाओं के शरीर को जाति वर्चस्व कायम करने का विषय मत बनाओ, वीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करो, कानून व्यवस्था पर मणिपुर सरकार की जवाबदेही तय करो, मणिपुर में संविधान का अनुच्छेद 355 लागू करो, पहाड़ों और उसके संसाधनों पर आदिवासी बनवासी अधिकारों की रक्षा करो, पहाड़ों पर खनिज संसाधनों पर पूंजीपतियों की लूट के लिए मणिपुर में जाति हिंसा के सूत्रधारों को बेनकाब करो, नफ़रत की राजनीतिक विचारधारा पर कानून बनाओ आदि नारे लगाए।

एडवोकेट घनश्याम सिंह ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह महिलाओं को नंगा करके भीड़ द्वारा सार्वजनिक हिंसा की गई है वह आधुनिक भारतीय समाज में नई तरह की नफ़रत की राजनीतिक विचारधारा की तरफ इशारा करती है। नफ़रत की हिंसा की सुई अब धार्मिक अल्पसंख्यकों, आदिवासियों के साथ महिलाओं के शरीर पर केंद्रित हो रही जिसका सभी लोकतंत्र और भारतीयता पसंद नागरिकों को विरोध करना चाहिए।

अरविंद कुमार राय ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत गौरव पूर्ण स्थान है और उन्हें यहां देवी के रूप में पूजा जाता है और खासकर पूर्वोत्तर में शक्ति पूजा के केंद्र में महिला ही है किंतु फ़ासिज़्म की जिस पाश्चात्य विचारधारा ने मणिपुर में जिस तरह महिलाओं को निर्वस्त्र करके निजी अंगों में हिंसा किया उसे भारतीय जनमानस कभी स्वीकार नही करेगा।

आशुतोष कुमार तिवारी ने संविधान के अनुच्छेद 355 का उल्लेख कि किसी राज्य में आंतरिक अराजकता पर संघ सरकार की जिम्मेदारी के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग किया। इस मौके पर अधिवक्ता धर्मेंद्र सिंह यादव, डा एसके तिवारी, सुशील कुमार यादव, हरिश्चंद्र शुक्ला, यशवंत सिंह,मनोज कुमार, रमेश यादव, पुष्पराज सिंह, राजीव कुमार, सुप्रभा द्विवेदी, घनश्याम सिंह, रवींद्र सिंह आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद रहे। संचालन आशुतोष कुमार तिवारी व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस को ज्ञापन एआईएलयू की कोषाध्यक्ष सुप्रभा द्विवेदी ने दिया। 

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