सावन के तीसरे और पुरुषोत्तम महीने के पहले सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

सावन के तीसरे और पुरुषोत्तम महीने के पहले सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। प्रयागराज शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों के शिवालयों सहित कौशांबी और प्रतापगढ़ में प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। भोर में मंगला आरती के बाद ही बाबा के जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का दौर शुरू हो गया। दिन भर भांग, धतूरे, दूध और नैवेद्य से भगवान शिव की पूजा और अभिषेक होता रहा।

सावन के तीसरे और पुरुषोत्तम मास के पहले सोमवार पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मनकामेश्वर महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव, कोटेश्वर महादेव, शिव कचहरी, पड़िला महादेव, हनुमत निकेतन शिव मंदिर सहित विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। भांग, धतूरा, दूध, घी, पंचगव्य, पंचामृत, बेलपत्र, पुष्प, दही, चंदन, इत्र आदि से महादेव का विधि विधान से पूजन कर गंगा जल से जलाभिषेक किया गया। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे थे। 

दारागंज स्थित दशाश्वमेध गंगा घाट पर कांवड़ियों का रेला लगा रहा। शिवभक्तों ने गंगा जल भरकर शिवालयों में जलाभिषेक किया। साथ ही बाबा विश्वनाथ धाम को जलाभिषेक के लिए भी कांवड़िए रवाना हुए। शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में जहां भव्य सजावट थी। सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम हैं। दशाश्वमेध घाट से जल भरकर बड़ी संख्या में कांवड़िये बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए शिव धामों के लिए रवाना हो रहे हैं। रविवार को दशाश्वमेध घाट कांवड़िया भक्तों का हुजूम उमड़ने की वजह से शिवमय हो गया। 

अरैल स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की सुविधा के लिए बैरिकेडिंग कराई गई। यहां रविवार रात को ही शृंगार झांकी सजाई गई। यमुना तट स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार की भोर चार बजे मंगला आरती के साथ ही आम भक्तों के लिए पट खोल दिए गए। महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि सोमवार को मनकामेश्वर महादेव का रंग-बिरंगे फूलों और हरी पत्तियों से मोहक शृंगार किया गया। इसमें रजत के मुखौटे के अलावा मोगरा, गुलाब, रजनीगंधा, बेला के फूलों से बाबा की झांकी सजाई गई। उधर, तक्षक तीर्थ और दारागंज स्थित नागवासुकि में भी जलाभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए कतार लगी रही।  

प्रतापगढ़ : घुइसरनाथ, बेलखरनाथ, भयहरणनाथ, हौदेश्वरनाथ, बालूकेश्वरनाथ में भक्तों का रेला
सावन के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक के लिए भोर से लेकर देर शाम लंबी कतार में लगे भक्तों सहित कांवड़ियों के समूह ने बोल बम की जयकार कर भगवान शिव का पूजन किया। धाम समिति व प्रशासन के साथ ही पुलिस की मौजूदगी में पौराणिक शिवालयों में देर शाम तक जलाभिषेक की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।

सांगीपुर थाना क्षेत्र के घुइसरनाथ, जेठवारा के भयहरणनाथ, हथिगवां के हौदेश्वरनाथ, कंधई के बेलखरनाथ व लीलापुर थाना क्षेत्र के बालूकेश्वरनाथ धाम में सोमवार की भोर से भक्तों की भीड़ भगवान शिव का जलाभिषेक के लिए लंबी कतार में लगे रहे। शिवालयों में बोल बम की गूंज के बीच भगवाव शिव का जलाभिषेक किया। अलग- अलग प्रमुख पौराणिक शिवालयों में पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों ने धाम समिति के पदाधिकारियों ने भक्तों व कांवड़ियों को पूजन करने में सहयोग किया।

शिवालयों में जलाभिषेक की प्रक्रिया के दौरान सामूहिक रूद्राभिषेक व भंडारा का आयोजन भी किया गया है। प्रयागराज, वाराणसी व मानिकपुर गंगा घाट से जल लेकर पौराणिक शिवालयों में कांवड़िया जलाभिषेक के लिए पैदल यात्रा कर शिवालयों में पहुंचे। एसपी सतपाल अंतिल के निर्देश पर नगर कोतवाली, रानीगंज, लीलापुर, सांगीपुर, लालगंज, कंधई, हथिगवां, मानिकपुर, नवाबगंज पुलिस ने हाईवे सहित प्रमुख सड़कों से शिवालयों को जा रहे कांवड़ियों की सुरक्षा में गस्त लगाई।

किसी प्रकार से कोई सड़क दुर्घटना या अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस सर्तक रही। शहर के बेल्हादेवी धाम स्थित शिव मंदिर, सिविल लाइंस व रोडवेज बस डिपो के शिव मंदिर पर भक्तों ने जलाभिषेक के बाद भंडारा का प्रसाद भी ग्रहण किया। रोडवेज डिपो व सिविल लाइंस में व्यापारियों की ओर से भंडारा का आयोजन किया गया।

जलस्तर बढ़ा होने से घाट के पास तैनात रही पुलिस
मानिकपुर, कालाकांकर, घुइसरनाथ व बेलखरनाथ धाम के आसपास नदियों के पानी का जलस्तार अकानक बढ़ा है। सावन के सोमवार को जलाभिषेक से पहले नदी में स्नान करने वाले लोगों को पुलिस ने एक किनारे पर स्नान करने की सलाह दी।

कौशांबी में भी उमड़ा भक्तों का रेला
 सावन माह के तीसरे सोमवार एवं अधिक मास के प्रथम सोमवार को शिव भक्तों ने महेश बाबा शिव मंदिर स्थान पर जलाभिषेक किया। साथ ही शिव भक्तों ने भंडारे का भी आयोजन किया। भंडारे का आयोजन करके श्रद्धालु भक्तों को भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण कराया। हर तीसरे वर्ष  शिवजी का अतिरिक्त माह मलमास के नाम से आता है। उसी मलमास के प्रथम सोमवार को शिव भक्तों ने महेश बाबा स्थान पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करके भगवान शिव की पूजा की। इसके अलावा जिले के अन्य शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। 

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