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मनमोहन राय
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आज समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे साहब सिंह सैनी ने बीजेपी का दामन थाम लिया। उनके अलावा कुछ और पूर्व विधायकों ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2022 विधानसभा चुनाव में खतौली सीट से रालोद के प्रत्याशी रहे राजपाल सैनी, सपा की पूर्व विधायक सुषमा पटेल, पूर्व मंत्री जगदीश सोनकर सहित करीब एक दर्जन लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने विपक्षी दलों के नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
इन लोगों के अलावा पूर्व विधायक अंशुल वर्मा, जौनपुर के पूर्व विधायक गुलाब सरोज, वाराणसी से कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी रही शालिनी यादव ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। मालूम हो कि बीते दिनों सपा के विधायक दारा सिंह भी बीजेपी में शामिल हुए थे।
मिशन 80 पर फोकस
बीजेपी लगातार इस बात की कोशिश में है कि वह यूपी में बड़ी जीत दर्ज करे। बीजेपी के नेता बार-बार यह बात दोहरा रहे हैं कि पार्टी का फोकस सभी 80 सीटों को जीतने पर है। पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी छोटे दलों गठबंधन के साथ दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लगी हुई है।
पश्चिम से पूर्वांचल तक विपक्ष को झटका
भाजपा ने पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक विपक्षी दलों को झटका देने की तैयारी की है। पश्चिमी यूपी में सैनी समाज का बड़ा वोट बैंक है। इस समाज के वोट पर साहब सिंह सैनी और राजपाल सिंह सैनी का खासा प्रभाव है। राजपाल ने 2022 में खतौली से रालोद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। पूर्वांचल में जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर सीट से सपा विधायक रहीं सुषमा पटेल कुर्मी समाज से हैं, पार्टी पूर्वांचल में कुर्मी समाज में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती हैं। पूर्व विधायक जगदीश सोनकर भी सदस्यता ग्रहण करेंगे। सोनकर चार बार विधायक रहे हैं। पूर्वांचल के सोनकर समाज में उनकी मजबूत पकड़ है।
बसपा के नेता भी हुए शामिल
आगरा में दक्षिण विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रवि भारद्वाज और बसपा से खेरागढ़ से चुनाव लड़ने वाले गंगाधर कुशवाहा ने भी लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस खबर के मिलते ही बसपा के खेमे में हलचल मच गई है।
इन नेताओं के अलावा आने वाले दिनों में बसपा के कुछ और नेताओं के बीजेपी में जाने के संकते हैं। पश्चिम यूपी के कुछ बड़े नेता चुनाव के पहले बीजेपी का हाथ थाम सकते हैं। सूत्रों की माने तो अंदरखाने इसको लेकर एक स्तर की बातचीत भी हो गई है।