सफल समाचार
सुनीता राय
पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि चिड़ियाघर परिसर के अंदर फ्यूल गाड़ी पूरी तरह से मना है। अनिवार्य स्थिति में अनुमति के बाद ही सिर्फ सर्विस लेन के सहारे सीधे प्रशासनिक भवन से चिड़ियाघर अस्पताल तक गाड़ी जा सकती है। मामले की जांच कराई जाएगी।
गोरखपुर चिड़ियाघर में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से जिस जगह मुख्यमंत्री की फ्लीट वाली गाड़ियां भी नहीं जा पातीं , वहां एक बाइक सवार आराम से फर्राटा भरते घूम रहा था। उसके ठीक बगल में आला अफसरों का दफ्तर भी है। हद तो यह है किसी की नजर बाइक सवार पर नहीं गई। बाइक सवार का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह से यही शब्द निकल रहे हैं- भाई! कोई रसूखदार ही हाेगा।
चिड़ियाघर परिसर के अंदर जहां आम दर्शक घूमते हैं, वहां सिर्फ बैटरी की गाड़ी ही चलती है। चिडियाघर के इस नियम का पालन मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी करते हैं। जब कभी भी ये निरीक्षण करने आते हैं तो गाड़ियां बाहर ही खड़ी होती हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर बाइक सवार के वायरल वीडियो ने प्रबंधन के सिस्टम की पोल खोल दी है।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि पेट्रोल गाड़ी लेकर एक युवक परिसर के अंदर आता है। वीडियो देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि चिडियाघर के दर्शकों के लिए खुले समय ही बाइक सवार आया था। हालांकि वीडियो देखकर लोगों में चर्चा है कि बाइक सवार कैंटीन का ही कर्मचारी है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
जिस बाड़े में जैकाॅल मरा, बगल में ही खड़ी डीजल गाड़ी
चिडियाघर के जिस बाड़े में जैकॉल की मौत हुई थी, उसी के बगल में फिर से डीजल गाड़ी खड़ी दिखी। ये कॉमर्शियल वाहन सुबह से ही वन्य जीव के बाड़े के ठीक पीछे खड़ी थी। ऐसे में वन्य जीव की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है। पिछले दिनों ऐसे ही मिट्टी लदा एक ट्रक अंदर आ गया था। हैवी ट्रक के आने से धरती के कंपन से बाड़े के अंदर जैकॉल की मौत हो गई थी।