लहसुन, अदरक और टमाटर ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। जनता महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आवाज उठाने लगी है

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय

महंगे लहसुन, टमाटर और अदरक ने भोजन का स्वाद बेमजा कर दिया है। इनके दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन सभी की कीमत दो सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। बढ़ी हुई कीमतों के चलते गृहिणियां इन सब्जियों से तौबा कर रही हैं। जिनके घरों पर प्रतिदिन एक किलो टमाटर की खपत होती थी, वह अब एक दो टमाटर से ही काम चला रही हैं।

हालांकि हरी सब्जियों की कीमतें अब कुछ नियंत्रित हो गई है लेकिन टमाटर बिना इन सब्जियों का स्वाद फीका है। इसको लेकर गृहिणियों में आक्रोश भी है, उनका कहना है कि कम से कम जरूरत के सामानों की कीमतों पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए।

वर्तमान में फुटकर बाजार में टमाटर 160 से 180 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। मंडी व फुटकर बाजार में दामों में बहुत अंतर नहीं है। वहीं, अदरक ने चाय का स्वाद खराब कर दिया है। यह बाजार में करीब 250 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। लहसुन की भी कीमतें 150 रुपये प्रति किलो से पार हो गई हैं।

दूसरी ओर हरी सब्जियों के भाव कुछ कम हुए हैं। आलू, प्याज 25 रुपये प्रति किलो, तरोई, भिंडी, लौकी, बैगन करीब 30 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। परवल, लोबिया आदि 50 रुपए के आसपास है। फुटकर विक्रेता शिवकुमार, दीपक, महेश आदि बताते हैं कि बाजार में टमाटर, अदरक व लहसुन की आवक ही कम है। इसके चलते दाम बढ़े हैं।

गृहिणियां बोलीं, सरकार काबू करे महंगाई
शक्ति नगर निवासी मंजरी श्रीवास्तव का कहना है कि टमाटर के बिना सब्जियां फीकी है तो अदरक के बिना चाय का स्वाद बिगड़ गया है। सरकार को इनके दामों पर अंकुश लगाना चाहिए।

रसेदार सब्जी टमाटर बिना बेस्वाद
राघव बिहार कॉलोनी निवासी कल्पना मिश्रा कहतीं हैं कि टमाटर के दामों में तो आग लगी है। कोई भी रसेदार सब्जी टमाटर के बिना बेस्वाद है। मंडी व फुटकर बाजार में दोनों की कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं है।

हरी सब्जियों ने दी राहत
अशरर्फी भवन निवासी लीना वर्मा कहतीं हैं कि बरसात कम होने पर हरी सब्जियों के दाम कम हुए हैं लेकिन टमाटर, अदरक के दाम बढ़ते जा रहे हैं। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को ठोस प्रयास करना होगा।

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