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विश्वजीत राय
ड्रग वेयर हाउस से दवाइयां नहीं मिलने की वजह से जिला अस्पताल समेत कई सीएचसी-पीएचसी पर दवाएं कम पड़ गई हैं। इसका कारण जांच के बाद अफसरों का आदेश नहीं मिलना बताया जा रहा है। मरीजों को आई ड्रॉप, गैस की गोली और पैरासीटामॉल प्राइवेट दुकानों से खरीदना पड़ रहा है।
कुशीनगर में नेशनल हाईवे के किनारे स्थित ड्रग वेयर हाउस में लाखों की दवाइयां तत्कालीन फार्मासिस्ट मंतोष पांडेय की लापरवाही से एक्सपायर हो गईं। उच्चाधिकारियों को बिना सूचना दिए फार्मासिस्ट दवाइयों को मिट्टी में ढाई माह पूर्व दबवा दिया। गार्ड की शिकायत पर करीब दस दिन पूर्व इसका भंडाफोड़ हुआ।
डीएम रमेश रंजन तक मामला पहुंचने पर जांच के बाद दोषी फार्मासिस्ट पर केस दर्ज हुआ। इसके बाद ड्रग वेयर हाउस का चार्ज फार्मासिस्ट इम्तियाज अहमद को मिला, लेकिन जांच की वजह से दस दिनों से ड्रग वेयर हाउस से किसी भी सरकारी अस्पताल को दवाइयां नहीं दी जा रही हैं।
जिला अस्पताल के अलावा आठ सीएचसी से दवाइयाें की डिमांड भी की गई है। इसकी वजह से अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बुखार, गैस और आई ड्राॅप खरीदने पर रकम खर्च करनी पड़ रही है। लेकिन उन्हें पैरासेटामाॅल की गोली और आई ड्रॉप तक नहीं मिल पा रहा है। इसकी शिकायत जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एचएस राय से कई मरीजों ने मंगलवार को की।
इसके अलावा नगर के पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय में भी आने वाले मरीजों को दवा दुकानों से खरीदनी पड़ रही है। हालांकि, जांच टीम ने ड्रग वेयर हाउस का स्टाॅक मिलान और कर्मचारियों के बयान के बाद जांच रिपोर्ट डीएम को चार दिन पूर्व सौंप दी थी।
मौसम में बदलाव की वजह से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। इन दिनों आई फ्लू और बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में इलाज के लिए आने वालेे मरीजों को आई ड्रॉप नहीं मिल रहा है। इसके अलावा कई और दवाओं की कमी पड़ गई है। अगर पांच दिन तक दवाएं नहीं आईं तो जिला अस्पताल की व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी।