सफल समाचार
सुनीता राय
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की टीम ने हॉलमार्किंग की गुणवत्ता जांचने के लिए बुधवार को हिंदी बाजार के सराफा की दुकानों से आभूषणों का नमूना लिया। टीम के अचानक हिंदी बाजार पहुंचने से अफरा-तफरी मच गई। जांच के लिए नमूनों को प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सराफा बाजार में बुधवार को बीआईएस की टीम पहुंची। कर्मचारियों ने बाजार में सैंपल लिए। सूत्रों की माने तो तीन-चार दुकानों से एक से डेढ़ ग्राम आभूषण का नमूना लिया गया। सैंपल की जांच के बाद नमूने को वापस दुकानदार को सौंप दिया जाएगा। दरअसल, पिछले दिनों हिंदी बाजार में फर्जी तरीके से हॉलमार्क लगाकर सोने-चांदी के आभूषण बेचने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जांच में इनके पास से अवैध सोना जब्त किया गया था। इसके बाद बाजार में अवैध सोने की खपत होने की बात भी सामने आने लगी।
इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। सूत्रों ने बताया कि बाजार में दो तरीके से लोग हॉलमार्क वाले आभूषणों को बेच रहे हैं। एक बीआईएस से हॉलमार्क लगवाते हैं, जबकि दूसरे ऐसे लोग हैं जो गलत तरीके से फर्म के नाम पर खुद ही हॉलमार्क कर आभूषण तैयार कर बेचते हैं। बीआईएस की टीम के पहुंचने से खुद हॉलमार्क लगाकर आभूषण बेचने वालों की सांसें अटक गई हैं।
कर्मचारी हॉलमार्क की गुणवत्ता की जांच के लिए गए थे। नमूने लिए गए हैं, जिनकी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। –मोहम्मद आरिफ, संयुक्त निदेशक, बीआईएस
नमूने लेने के तरीकों पर हो रही चर्चा
बीआईएस के कर्मचारी का दुकानों से नमूना लेने के तरीके को लेकर बाजार में चर्चा होने लगी है। व्यापारियों का कहना है कि दुकान पर जाकर दुकानदार से ही नमूना मांगा गया। ऐसे तो कोई भी फर्जी हॉलमार्क वाला नमूना नहीं देगा। फिर परख कैसे करेंगे। जबकि नियम है कि दुकान पर जाने के बाद कर्मचारी दुकान में दिखाए गए चार आभूषणों में से एक से डेढ़ ग्राम नमूना लेते हैं। इनमें से एक आभूषण का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा जाता है।