सील हुई कप्तानगंज चीनी मिल:- कप्तानगंज चीनी मिल की तरफ से गन्ना मूल्य का भुगतान न किए जाने के कारण जारी हुई थी आरसी एसडीएम की तरफ से दो बार नोटिस देने के बाद भी प्रबंध तंत्र ने नहीं दिया कोई जवाब

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

पिछले सत्र में ही बंद हो चुकी है कप्तानगंज की कनोरिया चीनी मिल

कप्तानगंज चीनी मिल की तरफ से गन्ना मूल्य का भुगतान न किए जाने के कारण जारी हुई थी आरसी
एसडीएम की तरफ से दो बार नोटिस देने के बाद भी प्रबंध तंत्र ने नहीं दिया कोई जवाब
कप्तानगंज के तहसीलदार ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर सील कराए मुख्य द्वार सहित सभी छह फाटक

कुशीनगर। 77 करोड़ रुपये के बकाये में पहुंच चुकी कप्तानगंज की कनोरिया चीनी मिल काे शासन के निर्देश पर शुक्रवार को प्रशासन ने सील कर दिया। यह चीनी मिल करीब 40 करोड़ रुपये किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न करने की वजह से पिछले पेराई सत्र से ही बंद थी। उसके बाद चीनी मिल को आरसी जारी कर दी गई थी।

शासन के निर्देश पर कप्तानगंज के एसडीएम ने दो बार नोटिस भी जारी किया था, लेकिन प्रबंध तंत्र ने उसका जवाब नहीं दिया और न ही भुगतान में कोई रुचि दिखाई। लिहाजा, शासन के निर्देश पर कप्तानगंज के तहसीलदार ने पुलिस बल और राजस्व टीम के साथ पहुंचकर चीनी मिल के मुख्य द्वार सहित सभी छह फाटकों पर ताला जड़ दिया।

बताया जा रहा है कि कप्तानगंज चीनी मिल करीब 77 करोड़ रुपये के बकाये में होने के कारण आरसी जारी होने के बावजूद मिल प्रबंधन तंत्र नियत समय तक कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने शिकंजा कसना शुरू किया। प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भुसरेड्डी की तरफ से पत्र जारी करने पर कप्तानगंज के एसडीएम व्यास नारायण उमराव ने दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद मिल प्रबंध तंत्र ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
इसके बाद शुक्रवार को कप्तानगंज के तहसीलदार गोपाल कृष्ण त्रिपाठी पुलिस बल के साथ चीनी मिल पहुंचे। वहां मुख्य द्वार समेत अन्य सभी 6 दरवाजों पर सरकारी ताला लगाकर सील कर दिया।

वर्ष 1934 में हुई थी चीनी मिल की स्थापना
देश की आजादी के पूर्व वर्ष 1934 में द कनोरिया शुगर मिल की स्थापना कप्तानगंज में हुई थी। स्थापना काल से लेकर पिछले पेराई सत्र के पहले तक यह चीनी मिल गन्ना की पेराई करती रही। इस मिल से करीब 30 किलोमीटर की परिधि में किसान अपना गन्ना इस मिल पर देते थे। किसानों का जीविकोपार्जन इस चीनी मिल के सहारे होता था। इलाज, शिक्षा, किसानों की बेटियों की शादी इस चीनी मिल पर गन्ना आपूर्ति से मिलने वाले भुगतान की रकम से होती थी, लेकिन बाद कुछ वर्षों में भुगतान की स्थिति बिगड़ने के बाद इस पर संकट के बादल मंडराने लगे थे और पिछले साल तक इसने पेराई ही बंद कर दी। यह चीनी मिल चलवाने के लिए किसानों और विभिन्न संगठनों ने कई बार आंदोलन किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

दो बार दिया जा चुका है नोटिस
बताया जा रहा है कि गन्ना आयुक्त संजय आर भुसरेड्डी की तरफ से इस मामले में गंभीरता दिखाए जाने के बाद दो बार चीनी मिल को नोटिस दिया जा चुका था। 14 फरवरी और 19 जून को दो तिथियों में नोटिस दिया गया था और गन्ना मूल्य भुगतान के बारे में आख्या मांगी गई थी, लेकिन मिल प्रबंध तंत्र ने नियत समय तक कोई जवाब नहीं दिया था। लिहाजा, शुक्रवार को डीएम के निर्देश पर तहसीलदार कप्तानगंज गोपाल कृष्ण त्रिपाठी ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर चीनी को सील कर दिया।

वर्जन-
इस चीनी मिल पर किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 14 फरवरी 2023 और 19 जून 2023 काे नोटिस जारी किया गया था। आरसी भी हुई। अभी तक चीनी मिल की ओर से भुगतान को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई। इस वजह से गन्ना आयुक्त के निर्देश पर चीनी मिल के मुख्य गेट सहित सभी छह गेट को सील कर दिया गया है। जब तक यह मिल किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर देती, यह सील रहेगी। मौके पर मौजूद चीनी मिल के महाप्रबंधक कार्य नरेंद्र वली को इसे सुपुर्द कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई गन्ना आयुक्त के निर्देश पर की जाएगी।
-कृष्ण गोपाल त्रिपाठी, तहसीलदार कप्तानगंज

किसानों के बकाया गन्ना मूल्य को यथाशीघ्र चुकाया जाएगा। प्रशासन से चीनी मिल को मुक्त कराते पेराई शुरू कराई जाएगी।

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