पइसा नइखे, तबे मेडिकल कॉलेज लेकर आइल बानी, एहिजा केई पूछे वाला नईखे। लेकिन, का कइल जा, डॉक्टर साहब त दूर, वार्ड ब्वाय लोग भी सीधे मुंह बात नाही करता।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में रात में आग लगने की घटना के बाद सभी मरीजों को यथाशीघ्र दूसरे वार्डों शिफ्ट कर दिया गया। किसी प्रकार की कोई कैजुअलिटी नहीं हुई। जिस एक मरीज की मौत की बात कही जा रही है, वह वार्ड नंबर 9 में भर्ती थे और उन्हें कई गंभीर बीमारियां थीं।

पइसा नइखे, तबे मेडिकल कॉलेज लेकर आइल बानी, एहिजा केई पूछे वाला नईखे। लेकिन, का कइल जा, डॉक्टर साहब त दूर, वार्ड ब्वाय लोग भी सीधे मुंह बात नाही करता।

यह पीड़ा है मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 100 में भर्ती एक मरीज के परिजन का। बृहस्पतिवार की रात में मेडिसिन वार्ड में आग लगने के बाद वहां के मरीजों को वार्ड 2, वार्ड 11 व वार्ड 100 में भर्ती कराया गया है। लेकिन तीमारदारों का आरोप है कि मरीजों को सुविधा के नाम पर दुर्दशा झेलनी पड़ रही है।

शुक्रवार दोपहर में वार्ड 2 के बाहर अपने मरीज की कुशलक्षेम जानने को खड़ीं गुलरिहा क्षेत्र के परसिया की रहने वाली ज्योति ने कहा- यहां आने वाले मरीज व उनके परिजन पहले से ही परेशान हैं, लेकिन कर्मचारियों का व्यवहार और अधिक दर्द दे रहा है। बेड पर पड़े मरीजों को कोई पूछने वाला नहीं है।

देवरिया जिले के रामपुर कारखाना से आई लीलावती देवी कुछ कहना चाहती थीं, तभी बगल के बेड पर अपने मरीज के साथ मौजूद गोपालगंज जिले के लल्लन सिंह चुप रहकर मरीज पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। सीवान (बिहार) से आई कवलवासी देवी गैलरी में टहलती मिलीं। बताया कि उनके पति कई दिन से यहां भर्ती हैं। पूरी रात सड़क पर बीती। सुबह पांच बजे बेड मिला।

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में रात में आग लगने की घटना के बाद सभी मरीजों को यथाशीघ्र दूसरे वार्डों शिफ्ट कर दिया गया। किसी प्रकार की कोई कैजुअलिटी नहीं हुई। जिस एक मरीज की मौत की बात कही जा रही है, वह वार्ड नंबर 9 में भर्ती थे और उन्हें कई गंभीर बीमारियां थीं। उनकी मौत का आग लगने की घटना से कोई लेना-देना नहीं है। दूसरे वार्डों में शिफ्ट किए गए मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। मेडिकल कॉलेज में आग से बचाव के लिए लगाए गए सभी उपकरण भी ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए प्रशासन की तरफ से विशेषज्ञों की कमेटी बनाई गई है।

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