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सुनीता राय
नेपाल से भारत में तस्करी कर लाए जा रहे तीन टन टमाटर जब्त किए जाने के मामले में प्रारंभिक जांच के बाद कस्टम अधीक्षक विशाल मेहता, निरीक्षक एसएस हैदर, आदित्य शर्मा और जितेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है। दो कर्मचारियों के खिलाफ जांच चल रही है।
महराजगंज पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की संयुक्त टीम ने पिछले दिनों नेपाल से तस्करी करके लाए गए टमाटर पकड़े थे। मामले में सीमा शुल्क विभाग की लापरवाही सामने आई थी। इसके बाद सीमा शुल्क आयुक्त ने नेपाल बॉर्डर पर तैनात सभी छह अधिकारियों को जांच के लिए मुख्यालय बुला लिया था।
बीती सात जुलाई को महाराजगंज जिले के निचलौल इलाके के पास एसएसबी की टीम ने डेढ़-डेढ़ टन टमाटर लदी दो गाड़ियों को रोका था। बाद में एसएसबी ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। निरीक्षण के बाद इसकी सूचना कस्टम विभाग को दी गई। नेपाल से तस्करी कर भारत लाए गए तीन टन टमाटर को सेहत के लिए अनुपयुक्त मानकर कस्टम ने पहले तो सीज कर दिया।
अधिकारियों ने लिखा-पढ़ी में इसे नष्ट करने का दावा किया, लेकिन जिस पिकअप पर लदे टमाटर को कस्टम ने नष्ट करने का दावा किया था, उसी पिकअप को अगले दिन पुलिस ने टमाटर की कालाबाजारी के आरोप में पकड़ लिया और दोबारा कस्टम विभाग को सौंप दिया था।
कर्मचारी पहले तो मामले को दबाने में लगे रहे, लेकिन जब पुलिस, एसएसबी और कस्टम के उच्चाधिकारियों को इसकी भनक लगी तो जांच बैठा दी गई। मामला संज्ञान में आने पर दोषी सभी छह कर्मचारियों को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में ही हेराफेरी सामने आ गई। जांच में पाया गया कि टमाटर लदी जिस गाड़ी को जब्त किया गया था, उसे छोड़ दिया गया। जबकि कस्टम विभाग के रिकाॅर्ड में टमाटर को नष्ट करने और गाड़ी को सीज दिखाया गया। प्रारंभिक जांच के आधार पर ही चार कस्टम अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।अन्य की विभागीय जांच की जा रही है।