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विश्वजीत राय
हाटा तहसील क्षेत्र के पैकौली गांव में हर वर्ष सामाजिक सौहार्द की नजीर बनता है ताजिया
हाटा। अल्लाह कहो, चाहे जय श्रीराम… लोगों में प्यार फैलाना चाहिए। यह पंक्ति तहसील क्षेत्र के पैकौली लाला गांव में सटीक बैठती है। इस गांव में एक ऐसा ब्राह्मण परिवार है, जिसके दरवाजे पर पूर्वजों के जमाने से चली आ रही परंपरा आज भी निभाई जाती है। गांव में आसपास के कई तजियादार तजिया लेकर आते हैं। दरवाजे पर घंटों तजिया रखकर करतब दिखाते हैं। इसके बाद उनके परिवार के लोग ताजियादारों को मिठाई खिलाने के साथ बच्चों को मेला करने के लिए पैसा देकर विदा करते हैं।
तहसील क्षेत्र के पैकौली गांव के अजय प्रकाश मिश्र का परिवार शुरू से ही सामाजिक सौहार्द के लिए मिसाल रहा है। इनके यहां पूर्वजों के समय से ही गांव में रखे गए कई जगहों से मुस्लिम परिवार के लोग मोहर्रम के दिन ताजिया लेकर दरवाजे पर रखते हैं, इससे उनके दरवाजे पर मेले जैसा माहौल बन जाता है।
उनके दरवाजे पर तजियादार फरी गाते हैं और करतब दिखाते हैं। शनिवार को भी आसपास के सभी तजियादारों ने इनके घर के परिसर में तजिया रखकर एक-दूसरे को गले लगाया और करतब दिखाए। गांव के पूर्व प्रधान रहे जलालुद्दीन अंसारी बताते हैं कि अजय प्रकाश मिश्रा व उनके पूर्वजों ने भी इस परंपरा का निर्वहन किया है। आगे भी यह परंपरा चलती रहेगी। उन्होंने बताया कि यह गांव आपसी भाईचारे की मिसाल है।