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विश्वजीत राय
31 जुलाई को सूर्य मंदिर परिसर में भगवान भास्कर की मूर्ति का 108 नदियों के जल से होगा जलाभिषेक
पडरौना। पूर्वांचल महोत्सव व कुशीनगर महोत्सव के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सूर्य मूर्ति प्राकट्य उत्सव कार्यक्रम शुरू हो गया है। आजमगढ़ के तमसा और मंजूसा नदी के तट पर स्थित चंद्रमा ऋषि आश्रम से शुरू हुई कलश यात्रा शनिवार की देर रात कसया स्थित रामजानकरी मठ परिसर में पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम कर रविवार की सुबह शोभा यात्रा के साथ तुर्कपट्टी सूर्य मंदिर के लिए रवाना होगी।
शुक्रवार को तुर्कपट्टी महुअवां स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में अखंड रामायण पाठ के साथ सूर्य मूर्ति प्राकट्य उत्सव शुरू हो गया है। शनिवार की सुबह आजमगढ़ के तमसा और मंजूसा नदी के तट पर स्थित चंद्रमा ऋषि आश्रम से कृषि मंत्री यूपी सरकार सूर्य प्रताप शाही, सहजानंद राय, पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने 108 नदियों के जल के कलश यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा रविवार की सुबह कसया होते हुए तुर्कपट्टी पहुंचेगी।
कुशीनगर महोत्सव के आयोजक विनय राय ने बताया कि आजमगढ़ के तमसा नदी से चली कलश यात्रा शनिवार की देर रात कसया स्थित रामजानकी मठ पहुंचेगी। वहां से रविवार की सुबह शोभायात्रा के साथ कसया नगर भ्रमण करते हुए प्रेमवलिया, सपहा, रुदवालिया, बसडीला, छहूं के रास्ते शाम तक तुर्कपट्टी स्थित सूर्य मंदिर परिसर पहुंचेगी।
इस शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। इसके बाद विभिन्न मठ, मंदिरों के पुजारी और सन्तों की मौजूदगी में शुक्रवार से चल रहे अखंड रामायण पाठ का सोमवार की सुबह पूर्णाहुति कर कलश यात्रा के साथ 108 नदियों के जल से सूर्य मूर्ति का जलाभिषेक किया जाएगा। जलाभिषेक से बचे जल को मौजूद श्रद्धालुओं में विशेष प्रसाद के रूप में दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर परिसर में भंडारा आयोजित कर श्रद्धालुओं में प्रसाद दिया जाएगा।