टमाटर के आसमान छूते दामों के बाद मसालों के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे खाने की थाली का स्वाद बिगड़ गया है

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

टमाटर के आसमान छूते दामों के बाद मसालों के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे खाने की थाली का स्वाद बिगड़ गया है। जून तक करीब 350 रुपये प्रति किलो बिकने वाले जीरे की कीमत 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। यहां पढ़ें पूरी खबर

महंगाई के चलते खाने की थाली का स्वाद बिगड़ गया है। एक ओर जहां टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं तो वहीं गरम मसालों के दामों में भी भारी उछाल आया है। महंगाई की मार सबसे अधिक जीरा व काली मिर्च के दामों पर पड़ी है। इसके अलावा लौंग, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया, सौंफ, बड़ी व छोटी इलाइची के दामों में भी वृद्धि दर्ज हुई है।

बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। खाद्य तेल और आटा-दाल के साथ ही मसालों पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले मसालों की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। दाल में तड़का लगाने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले जीरे के दाम में महंगाई की आग लगी हुई है। जून तक करीब 350 रुपये प्रति किलो बिकने वाले जीरे की कीमत 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। काली मिर्च के दामों में भी प्रति किलो करीब 200 रुपये की वृद्धि हुई है। 700 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाली काली मिर्च अब बाजार में 900 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध है।

वहीं, गर्म मसाला 400 रुपये महंगा हो गया है। सबसे ज्यादा तेजी जावित्री पर है जिसकी कीमत में छह सौ रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है। इसके अलावा काली मिर्च, लौंग और जीरा में भी उछाल है। अन्य मसालों के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। मसाला कारोबारी जीवन त्रिपाठी ने बताया कि राजस्थान, गुजरात में आंधी-तूफान व पानी के चलते जीरे की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिससे दामों में उछाल आया है।

मसालों की कीमत
जून में और अब (रुपये प्रति किलो)
जीरा-350-900
काली मिर्च-700-900
छोटी इलायची-2000-2500
बड़ी इलायची 1200- 1500
जायफल-900 -1000
लाल मिर्च-260-350
पिसी हल्दी-120-150 (रुपये प्रति किलो)

कम हो गई सब्जी की महक
खाले का पुरवा निवासी रीता वर्मा का कहना है कि मसालों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। इसलिए अब इनका उपयोग काफी संभालकर करना पड़ता है। इसके कारण स्वाद और महक में फर्क आ गया है। गद्दौपुर चुंगी चौराहा निवासी वंदना सिंह व उसरू निवासी लक्ष्मी का कहना है कि सभी चीजें महंगी होती चली जा रही है। इसके कारण रसोई का बजट बढ़ गया है। सरकार महंगाई पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

 

फुटकर बाजार में 280 रुपये प्रति किलो टमाटर

टमाटर के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को फुटकर बाजार में टमाटर 280 रुपये प्रति किलो की दर से बिका। जबकि मंडी के थोक बाजार में इसकी कीमत करीब 160 से 180 रुपये प्रति किलो रही। मंडी से रेहड़ी व फुटकर दुकानदारों तक पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत में करीब सौ रुपये की वृद्धि हो रही है। मंडी से थोक में सामान उठाकर रेहड़ी पर गली-गली सब्जी बेचने वाले जसवंत, शिवकुमार आदि ने बताया कि मंडी में टमाटर छांटने को नहीं मिलता। थोक में लेने पर प्रति 50 किलो में पांच-छह किलो टमाटर खराब निकल जाता है, अपनी लागत निकालने के लिए उन्हें मजबूरी में दाम बढ़ाना पड़ता है।
 
कम हो गई सब्जी की महक
खाले का पुरवा निवासी रीता वर्मा का कहना है कि मसालों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। इसलिए अब इनका उपयोग काफी संभालकर करना पड़ता है। इसके कारण स्वाद और महक में फर्क आ गया है। गद्दौपुर चुंगी चौराहा निवासी वंदना सिंह व उसरू निवासी लक्ष्मी का कहना है कि सभी चीजें महंगी होती चली जा रही है। इसके कारण रसोई का बजट बढ़ गया है। सरकार महंगाई पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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