बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. महिम मित्तल ने बताया कि एंटीबायोटिक का सही सेवन न करने से ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस विकसित हो जाते हैं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

अगर आपको दर्द, बुखार या कोई अन्य शारीरिक दिक्कतें हैं और खुद मेडिकल स्टोर से दर्द और एंटीबायोटिक दवा ले रहे हैं तो सावधान रहने की जरूरत है। एंटीबायोटिक और दर्द की दवा के इस्तेमाल से आंतों से लेकर किडनी तक में संक्रमण हो रहा है। ब्लडप्रेशर जैसी कई और गंभीर बीमारी भी आपकों घेर सकती हैं। ऐसे मामले कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़े हैं।

ये दो केस इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं कि किस तरह एंटीबायोटिक और दर्द की दवाओं के इस्तेमाल ने मर्ज इस कदर बढ़ा दिया कि मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी तरह की शारीरिक दिक्कत होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करें। बीआरडी मेडिकल कॉलेज का माइक्रोबायोलॉजी विभाग इसको लेकर डॉक्टरों को भी जागरूक करेगा।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्राेइंटोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत ने बताया कि एंटीबायोटिक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्दी, खांसी, बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन को खत्म नहीं कर पाता है। बताया कि यह दो केस तो काफी गंभीर स्थिति में आए थे। इनकी जांच की गई तो पता चला कि एंटीबायोटिक के साथ दर्द की दवाओं ने इन पर ज्यादा दुष्प्रभाव डाल दिया है। ये दोनों मरीज ज्यादा दिनों तक दवाओं का सेवन करते रहे। इसकी वजह से मरीजों के हालात ऐसे हो गए हैं कि उनकी किडनी और आंत दोनों पर इसका असर दिखना शुरू हो गया।

उन्होंने बताया कि एक मरीज की तो एक किडनी पूरी तरह से संक्रमित हो गई है। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह करीब एक साल से दर्द और एंटीबायोटिक दवा का सेवन कर रहा था। जबकि दूसरा मरीज छह माह से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर रहा था। यही वजह है कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि बुखार सहित अन्य कोई भी बीमारी होने पर तत्काल एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।

बीपी और हाइपरटेंशन का खतरा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. महिम मित्तल ने बताया कि एंटीबायोटिक का सही सेवन न करने से ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस विकसित हो जाते हैं, जिसके कारण संक्रमण जल्दी ठीक नहीं हो पाता है और गंभीर रूप ले लेता है।

बताया कि अगर कोई भी मरीज लगातार दो से तीन माह तक दर्द और एंटीबायोटिक दवा का इस्तेमाल खुद करता है तो वह किडनी संक्रमण से लेकर ब्लड प्रेशर, अल्सर, हाइपरटेंशन, दमा की बीमारी का शिकार हो सकता है। ऐसे मरीज बीआरडी में आ रहे हैं। यह समस्या कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़ी है। बताया कि एंटीबायोटिक केवल बैक्टीरिया को मारता है। एंटीबायोटिक खाने से वायरस कभी नहीं मरते।

माइक्रोबायोलाॅजी विभाग करेगा जागरूक
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाॅजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि हर दिन चार से पांच जांच में इस बात की पुष्टि हो रही है कि मरीज ज्यादा एंटीबायोटिक और दर्द की दवाओं के इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी वजह से उनकी किडनी और आंतों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसे लेकर डॉक्टरों को भी जागरूक किया जाएगा। सलाह दी जाएगी कि वह बहुत जरूरी हो तभी एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें।

केस-एक

सहजनवां के रहने वाले एक युवक को शरीर में दर्द और बुखार की शिकायत थी। दर्द और बुखार होने पर मेडिकल स्टोर से बुखार और हाई एंटीबायोटिक दवाएं खा लेता था। इस बीच उसके आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी। परिजन नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने जांच कर उसका इलाज शुरू किया। जांच के दौरान पता चला कि उसके एक किडनी में दिक्कत बढ़ गई है और आंत में संक्रमण की वजह से अल्सरेटिव कोलाइटिस हो गया। बीआरडी के डॉक्टरों ने जांच शुरू की तो पता चला कि हाई एंटीबायोटिक और दर्द की दवा ने यह दोनों बीमारी हुई हैं।

केस-दो
पिपराइच के रहने वाले एक युवक को पेट दर्द की शिकायत थी। स्थानीय स्तर पर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेता था। दवा खाने के बाद राहत मिल जाती थी। इस बीच पेट दर्द फिर से शुरू हुआ। परिजन बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी विभाग के गेस्ट्रोइंटालॉजी विभाग पहुंचे, जहां पर जांच की गई तो पता चला कि हाई एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से क्रोहन रोग (आंतों में सूजन) और किडनी में संक्रमण की पुष्टि हुई। स्थिति अब ऐसी हो गई है कि आंत और किडनी संक्रमित हो चुके हैं। डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया है।

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