प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने का प्रस्ताव इंटेक के चेयरमैन की ओर से संसदीय स्थायी समिति के सामने रखा गया। समिति ने इस कार्य की सराहना की है।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

समन्वयक इंटेक महाबीर प्रसाद कंदोई ने कहा कि पांच साल के अथक प्रयास के बाद इंटेक गोरखपुर चैप्टर को सफलता मिली है। एडीजी अखिल कुमार के विशेष सहयोग से प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने का प्रस्ताव इंटेक के चेयरमैन की ओर से संसदीय स्थायी समिति के सामने रखा गया। समिति ने इस कार्य की सराहना की है।

देशभर में थानों के मालखानों में रखीं देवी-देवताओं की प्राचीन बेशकीमती मूर्तियां अब खराब नहीं होंगी। इन मूर्तियों और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम में सुरक्षित रखा जाएगा। गोरखपुर में इसकी शुरुआत दो वर्ष पहले इंडियन नेशनल ट्रस्ट फार आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज ( इंटेक) की पहल पर की गई थी। इंटेक के इस प्रयास की सराहना करते हुए संसदीय स्थायी समिति ने कानून और न्याय मंत्रालय से मालखानों में रखीं मूर्तियों की सूची एकत्र कराने की सिफारिश की है, ताकि इनका संरक्षण किया जा सके।

गोरखपुर और आसपास के 12 जिलों के थानों के मालखाने में करीब देवी-देवताओं की 157 बेशकीमती मूर्तियां रखी गई हैं। हालांकि यह आंकड़ा दो वर्ष पूर्व का है, अब यह संख्या और बढ़ गई है। ज्यादातर मूर्तियां तस्करी करके ले जाते समय बरामद हुई थीं। इनमें ज्यादातर खराब हालत में हैं।

अब इनके संरक्षण के लिए भारत सरकार की संसदीय स्थायी समिति ने कहा है कि कानून और न्याय मंत्रालय, नियमों में संशोधन करके ऐसी व्यवस्था बनाएं कि मूर्तियों को सुरक्षित तरीके से म्यूजियम में रखा जाए। समिति ने इसकी जानकारी इंटेक के चेयरमैन को भी दी है।

खेत में मिली थी आठवीं शताब्दी की भगवान सूर्य की मूर्ति
कुशीनगर जिले में तुर्कपट्टी के पास छहूं गांव में आठवीं शताब्दी की भगवान सूर्य की मूर्ति मिली थी। यह मूर्ति सैंड स्टोन की बनाई गई। किसान जब खेत में हल चला रहे थे तो यह मूर्ति मिली थी। मूर्ति बहुत ही जर्जर हालत में थी। 15 दिनों तक पुरातत्व विभाग की टीम ने इसकी सफाई की और गांव में ही मंदिर में स्थापित करा दिया गया, ताकि मालखाने में जाने पर यह और खराब हो जाती। इसी प्रकार गोरखपुर जिले के गोला में भगवान विष्णु की मूर्ति एक वर्ष पूर्व मिली थी। मूर्ति में भगवान विष्णु के चार हाथ बने थे। यह काले पत्थर से बनाई गई थी। यह मूर्ति भी छठीं शताब्दी के आसपास की है।

ऐसे हुई शुरूआत

इंटेक के संयोजक महावीर प्रसाद कंदोई के मुताबिक, वर्ष 2016 में बड़हलगंज में चोरी की अष्टधातु मूर्तियां बरामद हुई थीं। वह और सह संयोजक पीके लाहिड़ी थाने गए थे। वहां देखा कि मालखाने में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी गई थीं। यही से हम लोगों ने भगवान की बेशकीमती मूर्तियाें के सरंक्षण की लड़ाई शुरू की। इस संदर्भ में तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल से मिले। उन्हें उड़ीसा हाईकोर्ट की ओर से 1998 में प्राचीन मूर्तियों के संरक्षण के लिए दिए गए आदेश की कॉपी उपलब्ध कराई गई।

इसमें कहा गया था कि बेशकीमती मूर्तियों के रखरखाव के लिए इन्हें म्यूजियम में रखा जाए। आईजी ने शासन तक पहल की। इसके बाद तत्कालीन कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने छह अक्तूबर 2019 को शासन को पत्र लिखा। जब शासन से कोई आदेश नहीं आया तो एक पीआईएल दाखिल की गई। उधर, 18 अगस्त 2021 कैंट थाने के मालखाने से देवी-देवताओं की करोड़ों रुपये की 26 प्राचीन मूर्तियां बौद्ध संग्रहालय में पहुंचाई गईं। इसके बाद 29 सितंबर 2021 को अपने दाखिल याचिका को वापस लेने के लिए अधिवक्ता से एक एफईडेविट कोर्ट में दाखिल करा दिया।

दो वर्ष पूर्व पहली बार संग्रहालय में रखी गईं 300 वर्ष पुरानी दो मूर्तियां
थाने के मालखाने से हटाकर प्राचीन दुर्लभ मूर्तियाें को संग्रहालय में रखने की शुरुआत पहली बार दो वर्ष पूर्व हुआ। अगस्त 2021 में कैंपियरगंज थाने से 300 वर्ष पुरानी दो मूर्तियां और कुछ मुकुट राजकीय बौद्ध संग्रहालय में पहुंचाया गया। इसके बाद कैंट थाने से भगवान श्रीराम, सीता, विष्णु भगवान सहित 26 अष्टधातु व काले पत्थर की मूर्तियां संग्रहालय में संरक्षित की गईं।

समन्वयक इंटेक महाबीर प्रसाद कंदोई ने कहा कि पांच साल के अथक प्रयास के बाद इंटेक गोरखपुर चैप्टर को सफलता मिली है। एडीजी अखिल कुमार के विशेष सहयोग से प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने का प्रस्ताव इंटेक के चेयरमैन की ओर से संसदीय स्थायी समिति के सामने रखा गया। समिति ने इस कार्य की सराहना की है।

आशा की जाती है कि समिति की सिफारिश के अनुसार उक्त प्रक्रिया पूरे देश में शीघ्र ही लागू हो जाएगी। इसके तहत देशभर के थानों के मालखानों में प्राचीन काल खंड की रखी गईं दुर्लभ मूर्तियां व विरासत सामग्री को सुरक्षित रखा जाएगा। शोधकर्ताओं और नई पीढि़यों को हमारी प्राचीन विरासत की जानकारी हो पाएगी।

दो वर्ष में मूर्तियाें की स्थिति

जिला संख्या
गोरखपुर 18
देवरिया 13
कुशीनगर 16
महराजगंज 10
सिद्धार्थनगर 10
बस्ती 05
संतकबीरनगर 02
गोंडा 14
बलरामपुर 19
बहराइच 19
श्रावस्ती 07

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