बिजली फॉल्ट होने पर अब पूरे इलाके की आपूर्ति बंद नहीं की जाएगी बल्कि जहां खराबी होगी वहीं की आपूर्ति बंद की जाएगी। इससे जुड़ी व्यवस्था जल्द ही लागू की जाएगी

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

कोई खराबी आने पर अब पूरे इलाके की बिजली नहीं काटनी पड़ेगी। ट्रिपिंग होते ही लेसा को पता चल जाएगा कि समस्या कहां आई है। उसे तलाशने की जहमत नहीं करनी पड़ेगी। वहीं ऐसी तकनीकी व्यवस्था की जाएगी, इससे जहां समस्या है उसी क्षेत्र की बिजली काटनी पड़ेगी। लेसा इसको लेकर एक महीने में ट्रायल शुरू करने जा रहा है। ट्रायल के लिए राजभवन खंड के डालीबाग उपकेंद्र से जुड़े गोखले मार्ग फीडर को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है। ट्रायल सफल रहा तो इसे हर जगह लागू किया जाएगा। इससे शहर के आठ लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

गोखले मार्ग फीडर से 10 अपार्टमेंट, होटलों एवं कॉलोनी के 650 उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति होती है। इस फीडर से 14 ट्रांसफार्मर जुड़े हुए हैं। अभी इनमें से किसी भी ट्रांसफार्मर या कहीं पर लाइन में फॉल्ट आने पर उसे दुरुस्त करने के लिए पूरे फीडर की बिजली बंद करनी पड़ती है। इसे नो ट्रिपिंग जोन बनाने के लिए सभी ट्रांसफार्मर पर ब्रेकर और रिले सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे फॉल्ट से संबंधित ट्रांसफार्मर की ही बिजली बंद होगी। इस पायलट प्रोजेक्ट पर 1.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

जानिए क्या है ब्रेकर और रिले सिस्टम
रिले : इस डिवाइस से कहां फॉल्ट आया, यह पता चल सकेगा। यह भी पता चल जाएगा कि किन वजहों से फॉल्ट आया। इससे कर्मचारियों को फॉल्ट ढूंढने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।

ब्रेकर : यह ऐसा सिस्टम है जिससे बिजली की आपूर्ति बहाल व बंद की जाती है। अभी यह सिस्टम 33 केवी और 11 केवी के उपकेंद्रों के ट्रांसफार्मर पर लगाए जाते हैं। पहली बार यह स्थानीय ट्रांसफार्मर पर लगाए जाएंगे। इस ब्रेकर के जरिये खराबी या फॉल्ट से संबंधित ट्रांसफार्मर की आपूर्ति बंद की जा सकेगी। इससे वह सप्लाई सर्किट से अलग हो जाएगा जिससे अन्य इलाकों की बिजली चालू रहेगी।

अभी फॉल्ट आने पर कम से कम 20 मिनट गुल रहती है बिजली
मौजूदा सिस्टम में एक फीडर के किसी ट्रांसफार्मर में फॉल्ट आने पर उसको सप्लाई सर्किट से अलग करने और दोबारा फीडर को चालू करने की व्यवस्था में कम से कम 20 मिनट लग जाते हैं। इस दरम्यान बिजली गुल रहती है। इससे औसतन 2500 उपभोक्ता प्रभावित होते हैं।

पूरे फीडर की बंद नहीं होगी बिजली
मुख्य अभियंता, लेसा सिस गोमती जोन संजय जैन का कहना है कि ट्रांसफार्मर एवं मीटर रूम में फॉल्ट या तकनीकी खामी आने पर उसे ठीक करने के लिए 11 केवी फीडर के अन्य ट्रांसफार्मरों की बिजली आपूर्ति को बंद नहीं करना पड़ेगा। जिस ट्रांसफार्मर में फाॅल्ट होगा, उसे ही ठीक करने के लिए बिजली बंद होगी। इससे फीडर के अन्य उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं आएगा।

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