सफल समाचार
सुनीता राय
उसने ही बेटे की जमानत करवाई थी। गांव के लोग आरोपी के पिता से भी खफा हैं। उनका कहना है कि अगर उसने जमानत नहीं कराई होती तो आरोपी जेल से बाहर नहीं आता।
मासूम के साथ हैवानियत करने वाले दरिंदे का नसीब अच्छा था कि वह हम लोगों के हाथ नहीं लगा, वरना हम लोग उसे यहीं मार डालते। ऐसे दरिंदों के लिए समाज में जगह नहीं होनी चाहिए। इनकी नापाक हरकत से बच्चे महफूज नहीं हैं। उसके साथ भी वही सलूक हो, जो निर्भया कांड के आरोपियों के साथ हुआ। उसे फांसी पर लटकना ही चाहिए, ताकि नजीर बने। इसके लिए हम सभी पुलिस-प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
यह कहना है तीन साल की मासूम बच्ची से हैवानियत करने वाले आरोपी मिथिलेश विश्वकर्मा के गांव के लोगों का। इस घटना ने सभी को अंदर से झकझोर दिया है। बृहस्पतिवार की दोपहर 3.30 बजे के करीब गांव के एक चौराहे पर लोग आपस में चर्चा कर रहे थे। इस घटना को लेकर सभी आक्रोशित नजर आए।
सभी की जुबां पर एक ही चर्चा रही-आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। आरोपी अब जेल में है, लेकिन उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पुलिस प्रशासन को इस तरह से पैरवी करनी चाहिए कि कोर्ट आरोपी को सजा सुनाए, ताकि हैवान फिर बाहर आकर किसी और बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार न बना सके..।
गांव में पन्नेलाल की चाय की दुकान पर बैठे सुनील ने कहा- ऐसे दरिंदे की वजह से बेटियां अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है। अगर बच्ची, मां के पास सुरक्षित नहीं है तो फिर स्कूल, घर के बाहर खेलते वक्त कैसे हो सकती है। ऐसे आरोपी का एनकाउंटर कर देना चाहिए था।