विकास कार्यों के नाम पर 495.10 करोड़ रुपये की लागत की 50 लाख से अधिक की 64 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

 सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

जनपद में स्वीकृत हैं 495.10 करोड़ की 64 परियोजनाएं
– विभिन्न कारणों से अटकी पड़ी हैं 51 परियोजनाएं, 13 ही पूर्ण हो पाईं
– पडरौना शहर में तीन परियोजनाएं हैं स्वीकृत, शुरू नहीं हो सका इनका भी निर्माण
– इनमें वर्ष 2019 और 2020 की स्वीकृत हैं कई परियोजनाएं
– वर्ष 2022 में पूरी हो जानी थीं परियोजनाएं, कई जगह अभी काम ही शुरू नहीं हुआ
– वर्ष 2015 और 2019 की परियोजनाएं भी अब तक नहीं हो पाईं पूरी

कुशीनगर। जनपद में विकास कार्यों के नाम पर 495.10 करोड़ रुपये की लागत की 50 लाख से अधिक की 64 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं हैं। उनके लिए धन भी स्वीकृत हुआ। इनमें कई परियोजनाएं वर्ष 2019 और 2020 की भी हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से अब तक 51 परियोजनाएं अधूरी हैं। सिर्फ 13 ही पूरी हो पाई हैं। समीक्षा बैठकों में कार्यदायी संस्थाओं की सुस्त गति पर सवाल-जवाब भी होते हैं, लेकिन काम में तेजी नहीं आ रही है। हालांकि, कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें वर्ष 2022 में पूरा हो जाना था, लेकिन कहीं काम शुरू नहीं हो सका तो कहीं अधूरा पड़ा है। पडरौना शहर में ऐसी तीन परियोजनाएं हैं, जिनमें दो परियोजनाएं वर्ष 2020 की स्वीकृत हैं, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका। शहर की एक अन्य परियोजना पर भी निर्माण शुरू नहीं हो सका है।

कस्तूरबा विद्यालय में 2022 में पूरा होना था एकेडमिक ब्लॉक व छात्रावास, अब तक अधूरा
पडरौना के खिरकिया में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 3.16 करोड़ रुपये की लागत से एकेडमिक ब्लाॅक एवं छात्रावास 28 फरवरी वर्ष 2020 में स्वीकृत हुआ था। उसे अक्तूबर 2022 में पूरा हो जाना था, लेकिन अब तक निर्माणाधीन है। इसकी कार्यदायी संस्था यूपी प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन लिमिटेड है। विभाग के मुताबिक इस मद में अब तक 2.99 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। यह संपूर्ण धनराशि खर्च की जा चुकी है। इस मद में अंतिम किस्त मार्च 2022 में मिली थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि जनवरी 2023 में पूरा हो जाएगा, लेकिन स्थिति जस की तस है।

2015 में स्वीकृत हुआ था नाला निर्माण, बीत गई मियाद, निर्माण अधूरा
पडरौना शहर से होकर गुजरने वाली मुख्य पश्चिमी गंडक नहर के छावनी साइफन से सोहरौना तक नाला निर्माण 19 जून 2015 को स्वीकृत हुआ था। सी एंड डीएस कार्यदायी संस्था नामित है। 5.38 करोड़ की यह परियोजना केवल छावनी में करीब एक किलोमीटर बनाकर छोड़ दी गई। आठ वर्षों में कभी इसकी खोजबीन नहीं हुई कि इस परियोजना को पूरा क्यों नहीं कराया जा रहा है। पहले इसे पूरा करने की तिथि दिसंबर 2021 निर्धारित की गई, काम पूरा न होने पर पुन: जून 2023 की गई, लेकिन स्थिति जस की तस है। 3.93 करोड़ मिलने के बाद पुन: धनराशि अवमुक्त नहीं हुई। इस नाले को बनाने का उद्देश्य यह था कि बरसात के दिनों में इस साइफन के रास्ते शहर का बरसात का पानी बाहर निकल जाए और शहर में जलभराव न होने पाए।

मार्च में स्वीकृत हुई, अभी काम में तेजी नहीं आई
राजकीय आईटीआई पडरौना में 4.54 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कक्ष आदि का निर्माण होना है। बताया जा रहा है कि यह कार्य अभी फाउंडेशन स्तर तक ही सिमटा है। इस परियोजना को 16 मार्च 2023 को स्वीकृति मिली है। इसकी कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद नामित है।

ये परियोजनाएं भी नहीं हो सकीं पूरी
मिनी स्टेडियम अधूरा
– फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के कटेया मैनुद्दीन में 4.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम 17 मार्च 2023 को स्वीकृत हुआ। 31 दिसंबर 2021 तक पूरा करना था, लेकिन अभी पूरी नहीं हो सकी। इसकी मियाद फिर बढ़ाकर दिसंबर 2023 की गई है।
अग्निशमन केंद्र नहीं पूर्ण हो सका

हाटा में 9.98 करोड़ की लागत से अग्निशमन केंद्र बनाने के लिए नौ मार्च 2019 को स्वीकृति मिली थी। अप्रैल 2022 में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ। यही हाल कसया में निर्माणाधीन अग्निशमन केंद्र का है। 9.65 करोड़ से नौ मार्च 2019 को ही अग्निशमन केंद्र बनाने की स्वीकृति मिली थी, जिसे चार अप्रैल 2022 तक पूरा कर लेना था। कप्तानगंज में 8.84 करोड़ रुपये की लागत से अग्निशमन केंद्र की स्वीकृति नौ मार्च 2023 को मिली थी, इसे भी अप्रैल 2022 में पूरा कर लेना था, लेकिन अब तक अधूरा है। अग्निशमन केंद्रों के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम लिमिटेड निर्माण इकाई कुशीनगर है। इस कार्यदायी संस्था को जुलाई 2023 तक की मोहलत दी गई, लेकिन परियोजनाएं पूर्ण नहीं हो पाईं।

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