भागलपुर प्रति घंटे की बढ़ोतरी होने लगी और नदी शनिवार दोपहर खतरे के निशान से 68 सेमी ऊपर पहुंच गई।

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

भागलपुर। नेपाल द्वारा बैराज से सात क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी के जलस्तर में लगातार चौथे दिन भी बढ़त जारी रही। नदी के इस अप्रत्याशित परिवर्तन से तटवर्ती ग्रामीणों के होश उड़ गए हैं। शुक्रवार रात नदी में स्थिरता आ गई थी, लेकिन शनिवार सुबह से एक सेमी प्रति घंटे की बढ़ोतरी होने लगी और नदी शनिवार दोपहर खतरे के निशान से 68 सेमी ऊपर पहुंच गई।

सरयू नदी में महीनों से उतार-चढ़ाव जारी था। तटवर्ती लोगों ने मान लिया था कि बाढ़ नहीं आएगी लेकिन पहाड़ों और मैदानी इलाकों में रुक-रुककर हुई बारिश की वजह और नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण नदी में तेज़ी से बढ़ोतरी होने लगी। अब नदी का पानी रिहाइशी इलाकों की ओर घुसने लगा है। जिससे तटवर्ती इलाकों के लोगों को अपनी फसल बचाने की चिंता सताने लगी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार तुर्तीपार रेगुलेटर पर नदी का जलस्तर शनिवार दोपहर दो बजे 64 मीटर 98 सेमी पर पहुंच गया। जो खतरे के निशान 64मीटर 30सेमी से 68सेमी ऊपर है। अगले 24 घंटे नदी में बढ़ोतरी जारी रहेगी। क्योंकि आगे एल्गिन ब्रिज बाराबंकी में सरयू नदी में बढ़ोतरी हो रही है। तहसीलदार बरहज अश्वनीकुमार ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र के लिए प्रशासन तैयारी में जुटा है। बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। तहसील कर्मचारियों को बाढ़ राहत चौकियों पर मौजूद रहने को कहा गया है।

रुद्रपुर में गहराया बाढ़ का संकट, लाल निशान के करीब पहुंची गोर्रा

संवदेनशील स्थानों पर बंधे को काट कर रहीं राप्ती और गोर्रा नदियां

एकौना। नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। शनिवार को गोर्रा नदी लाल निशान से 50 सेमी नीचे बह रही थी। खतरे के निशान 70.50 मीटर के करीब पहुंच चुकी गोर्रा का दबाव बंधों पर बढ़ता जा रहा है। राप्ती नदी 69.50 मीटर पर बह रही थी। यह नदी राप्ती डेंजर लेवल से एक मीटर नीचे बह रही थी। नदियों के जलस्तर के वेग को तटवर्ती गांव के लोगों में कटान का खतरा बढ़ गया है। वहीं पिड़रा पुल के एप्रोच को फिर से धंसने की आशंका प्रबल हो गई है। जिससे आवागमन बाधित हो सकता है। गोर्रा 40 सेमी और राप्ती 30 सेमी चौबीस घंटे में बढ़ी है।

गोर्रा नदी और बंधे के बीच बसे नरायनपुर और बहोरा दलपतपुर गांव के लोगों की मकानों पर नदी सीधे ठोकर मार रही है। नरायनपुर गांव के दीनानाथ, जयनरायन सिंह, तूफानी और बहोरा दलपतपुर के अश्विनी दूबे, अवधेश मिश्र, हुकूम नरायण मिश्र, संजय राव, विनोद मिश्र, जालिम यादव, अशोक, राधेश्याम मिश्र आदि के मकान नदी में गिर सकते हैं। यहां कटान रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। सिंचाई विभाग ने बंधों को सुरक्षित करने के लिए बैंबोक्रेट और बोल्डर लगावाया है। पिड़रा पुल पर गोर्रा नदी के ऊफान से फिर संपर्क मार्ग पर खतरा बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने और कम होने पर एप्रोच पर कटान तय माना रहा है, जिसको देखते हुए सिंचाई विभाग बोरियों में मिट्टी और ईंट टुकड़े भरकर तैयारी कर रखी है। राप्ती नदी तिघरा मराछी बांध के भेड़ी, माझा नरायन, नीबा मठिया, हड़हा और करहकोल गांव के निकट बंधों पर कटान कर रही है। बंधे और नदी के बीच खेती की जमीन को अपने आगोश में ले चुकी नदी अब आबादी की ओर बढ़ रही है। दो बार गायघाट गांव को बर्बाद कर चुकी राप्ती अब तीसरी गांव पर कटान कर रही है। जिसको देख कर ग्रामीणों के होश उड़े हैं। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र कुमार जाड़िया ने कहा कि चार दिन से गोर्रा और राप्ती के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है, हालांकि अभी बंधों पर कोई खतरा नहीं है। विभाग के अभियंताओं को लगातार बंधों की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ चौकियों से सूचनाएं ली जा रहीं हैं।

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