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मयंक कुमार
रुद्रपुर:- पुत्र मुंह से ग्रस्त धृतराष्ट्र को जिस प्रकार कुछ भी दिखाई या सुनाई नहीं दे रहा था, इसी प्रकार क्षेत्र के विधायक तिलकराज बेहड़ पुत्र को स्थापित करने के मोह में कभी भाजपा के दरवाजे तो कभी कांग्रेस हाईकमान को ब्लैकमेल करने वाली भाषा बोल रहे हैं और मानसिक संतुलन खोकर कुछ भी कह रहे हैं।
उक्त बात आज अपने रुद्रपुर आवास पर प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हल्द्वानी में कहा कि मैं अपनी पार्टी में पीछे खड़ा हूं यदि मुझे पूछा जाएगा, बुलाया जाएगा तो आगे आऊंगा फिलहाल पार्टी ने मुझे किच्छा तक सीमित कर रखा है। शुक्ला ने कहा कि एक ओर वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं दूसरी ओर वे कहते हैं कि मुझे पूछा नहीं जा रहा है? उन्हें इस बात का आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आखिर पार्टी में उनकी दुर्गति क्यों हो रही है, क्यों उन्हें रुद्रपुर के नगर अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा और क्यों उनके विरोध के बावजूद भी अध्यक्ष नहीं हटाया गया।
शुक्ला ने कहा कि अपने पुत्र को राजनीति में स्थापित करने के लिए कई महीनों से भाजपा के दरवाजे पर माथा पटक रहे हैं, कई बार अपने समर्थकों से भी भाजपा में जाने की बात कह चुके हैं, लेकिन भाजपा उन्हें लेने के लिए तैयार नहीं हैं और यह बात जब कांग्रेस हाईकमान तक पहुंची तो वे वहां भी संदिग्ध हो गए हैं इसलिए वे कांग्रेस में हाशिए पर हैं जिसका वे खुद ही बयान बयान कर रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि कांग्रेस को कोसने से पहले उन्हें विचार करना चाहिए कि दूसरे क्षेत्र से दो बार हार जाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने किच्छा में अपने संघर्षशील युवा कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर उन्हें मौका दिया और आज वे विधायक बनने के बाद पार्टी को कोस कर भाजपा में घुसकर अपने पुत्र का भविष्य सुरक्षित करने के काम में लग गए हैं।
शुक्ला ने कहा कि अभी हल्द्वानी में उन्होंने बयान दिया कि शुक्ला अजय भट्ट का टिकट काटे, कमाल की बात है कि इतने लंबे समय से विधानसभा, मंत्रिमंडल एवं तमाम पदों पर रहकर उन्हें यह भी नहीं मालूम कि टिकट कौन काटता है और कौन देता है क्या शुक्ला (मैं) हाईकमान हूं कि किसी का टिकट काट दूंगा।
शुक्ला ने कहा कि बेहड़ भाजपा की चिंता छोड़ अपनी पार्टी की चिंता करें पिछला लोकसभा चुनाव 3.5 लाख वोटों से हारने वाले कांग्रेस इस बार नैनीताल उधमसिंहनगर सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने की स्थिति में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि किच्छा में विकास का फोकस गड़बड़ा गया है चुनाव को हुए डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने पर भी विधायक कोई बड़ी या नई उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए हैं, जो राजकीय आदर्श महाविद्यालय भारत सरकार के सहयोग से उन्होंने किच्छा में स्थापित कराया था उसका नाम रखने की मांग करने देहरादून गए बेहड़ को यह याद नहीं रहा कि उसमें परास्नातक की कक्षाएं शुरू कराने की मांग की जाए, मुझे ही (शुक्ला को ही) यह मांग उच्च शिक्षा मंत्री से करनी पड़ी।
आरोप लगाया कि जो योजनाएं उनके (शुक्ला के) कार्यकाल में शुरू हुई थी उन्हीं का निरीक्षण करने व बयान देने के अलावा बेहड़ कोई नई बात या सौगात किच्छा के लिए नहीं ला पाए।
हाल ही में उनका बयान की नहर कवरिंग के लिए मुख्यमंत्री जी से मिले वह घोषणा में शामिल कराने की बात हास्यपद है क्योंकि उक्त नहर की कावरिंग किच्छा -हल्द्वानी बाईपास से सिरौलीकला दोपहरिया के बीच एन एच क्रॉसिंग तक माननीय मुख्यमंत्री घोषणा में सन 2019- 20 में पहले से ही शामिल है तथा सवा किलोमीटर सड़क निर्माण एवं विद्युत पोल एवं पानी की पाइप लाइन की शिफ्टिंग का काम फर्स्ट फेज में जारी होकर काम शुरू हो गया था, शेष काम भी मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल है।
पूर्व विधायक ने कहा कि गत वर्ष की विधायक निधि का 50 लाख बाकी है तथा इस वर्ष की विधायक निधि का एक पैसा भी अभी तक खर्च नहीं कर पाए हैं तथा जब विकास के मुद्दे पर उनसे सवाल पूछे जाते हैं तो वे आरोप लगाते हैं कि मेरा स्वास्थ्य खराब है तथा मुझ पर आरोप लगाना गलत है, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि अभी हाल ही में वे अपनी विधानसभा के कार्यों का निरीक्षण का फोटो फेसबुक पर डाल रहे थे उसमें उन्होंने जेल के निर्माण का निरीक्षण भी दिखा दिया जबकि उक्त जेल सितारगंज विधानसभा में बन रही है जो किच्छा तहसील का ही हिस्सा है, उन्हे विधानसभा क्षेत्र की सीमा कहां तक है इसका भी ज्ञान नहीं है, उनका किच्छा से कई लगाव नहीं रहा, उनके मंत्री रहते किच्छा की घोर उपेक्षा हुई तथा इस बार भी वे झूठ बोलकर व तुष्टीकरण की राजनीति के चलते चुनाव जीत गए हैं तथा डेढ़ वर्षो में शिक्षा के लिए कोई उपलब्धि हासिल ना कर पाने से वे बार-बार अनर्गल बातें करके बहस का मुद्दा विकास से हटाना चाहते हैं।
शुक्ला ने कहा कि जहां उनके (शुक्ला के) कार्यकाल में किच्छा विधानसभा क्षेत्र में आदर्श राजकीय महाविद्यालय की स्थापना व पढ़ाई शुरु हुई, हाईटेक बस अड्डे का निर्माण शुरू हुआ, किच्छा के बीचो-बीच पाहा नहर कवरिंग सड़क का निर्माण शुरू हुआ, पंतनगर व लालपुर नगर पालिका और नगर पंचायत बनी, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस का शिलान्यास हुआ, अमृतसर- कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का चयन हुआ, नॉलेज पार्क की स्थापना हेतु किच्छा को चुना गया, ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्वीकृति हुई, फायर स्टेशन के लिए स्वीकृति व भूमि का चयन हुआ, एसडीएम कोर्ट व मुंसिफ कोर्ट की स्थापना हुई तथा तमाम सड़कों का जाल बुना गया, किच्छा CHC में सर्जन सहित दर्जनों चिकित्सकों की नियुक्ति हुई, वहीं 20 सालों से उपेक्षित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर के लिए 350 करोड़ की राशि भारत सरकार से निर्गत कराने में सफलता मिली, वही तिलकराज बेहड़ के विधायक बनने के बाद उनके खाते में किच्छा के लिए कोई उपलब्धि नहीं है और इसलिए वे शुक्ला टिकट काटे जैसे बयान जारी करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा से जो भी लड़ेगा वह कांग्रेस की जमानत लोकसभा चुनाव में जप्त कराएगा।