सफल समाचार
शेर मोहम्मद
एकौना। चार दिन से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद रविवार को नदियों के बढ़ने का वेग ठहर गया। गोर्रा और राप्ती नदी का जलस्तर थम गया, हालांकि बंधों पर कटान तेज हो गई है। नदी का पानी कम होने पर संवेदनशील स्थानों पर कटान तेज होने की संभावना प्रबल हो गई है, जिसको देखते हुए सिंचाई विभाग ने कटान स्थलों के निकट बोरियों में मिट्टी भर कर रखवा दिया है।
गोर्रा नदी खतरे के निशान 70.50 मीटर के नीचे 70 मीटर और राप्ती 69.50 मीटर पर स्थिर रही। पिड़रा करनपुर बांध पर सिलहटा गांव के समीप पायलट प्रोजेक्ट के तहत जियो बैग के कार्य हुए है। निरोधात्मक कार्य स्थल से कुछ दूरी पर गोर्रा नदी यू टर्न लेकर बंधे और नदी के बीच जमीन को काट कर बढ़ती जा रही है। रविवार की सुबह गांव वालों ने बंधे के करीब कटान देख कर सिंचाई विभाग को सूचना दी। पिड़रा पुल एप्रोच के कटान स्थल पर बचाव में लगी मिट्टी नदी में धंस रही है, जबकि विभाग यहां लगातार कटानरोधी कार्य करा रहा है। तिघरा मराछी बांध पर भेड़ी गांव पर जर्जर बांध से खतरा बरकरार है। नकईल के तलशपुरवा पर राप्ती कटान करते हुए आबादी तक पहुंच गई है। नदी और बंधे के बीच बसे बहोरा दलपतपुर और नरायनपुर गांव के एक दर्जन मकानों पर गोर्रा नदी ठोकर मार रही है। नदी के पानी में ठहराव होने पर अब ग्रामीणों को घर नदी में गिरने का भय बना है। इस बाबत एसडीएम विपिन कुमार द्विवेदी ने कहा कि नदियों का जलस्तर थम गया है। संवेदनशील स्थानों पर सिंचाई विभाग को निगरानी करने का निर्देश दिया गया है