यूपी के सभी मेडिकल कॉलेजों में आधार आधारित हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के बाद संबंधित व्यक्ति की निगरानी भी की जा सकेगी

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब आधार आधारित हाजिरी व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। जहां आधार आधारित हाजिरी व्यवस्था नहीं होगी, वहां के संकाय सदस्यों, रेजीडेंट डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों का वेतन और मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, भविष्य में एमबीबीएस व एमएस-एमडी की सीटों की मान्यता में भी समस्या आएगी।

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने पिछले साल ही आधार इनबिल्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (एईबीएएस) सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। पिछले दिनों आयोग की टीम ने कॉलेजों का निरीक्षण किया तो एईबीएएस लागू नहीं होने की जानकारी मिली। इस पर कई मेडिकल कॉलेजों को पाठ्यक्रम का नवीनीकरण व मान्यता देने से इन्कार कर दिया था।

वहीं, पिछले दिनों समीक्षा बैठक में कई कॉलेजों में एईबीएएस न लागू करने की पुष्टि हुई। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सभी प्रधानाचार्यों को आधार आधारित हाजिरी व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ोतरी के मामले में हाजिरी की वजह से रोड़ा अटका तो संबंधित प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।

क्या है नई व्यवस्था: एईबीएएस में बायोमीट्रिक हाजिरी को आधार कार्ड से भी जोड़ दिया गया है। इससे हाजिरी में किसी तरह का घालमेल नहीं हो सकता है। संबंधित व्यक्ति हाजिरी लगाने के बाद कॉलेज में है या नहीं, इसकी भी निगरानी की जा सकेगी।

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