पुलिस लाइंस आरआई हरिशंकर सिंह ने कहा कि असलहों के नवीनीकरण के लिए अब देवरिया जाने की जरूरत नहीं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

अब लाइसेंसी असलहे के नवीनीकरण के लिए देवरिया का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पुलिस लाइंस में इसकी व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इस सुविधा के शुरू होते ही असलहा का नवीनीकरण कराने वालों की संख्या बढ़ गई है। पहले महीने में 30 से 40 लोग आवेदन कर रहे थे, अब यह संख्या 100 से ज्यादा हो गई है।

दरअसल, जिले में फायरिंग रेंज नहीं होने के कारण लोगों को असलहा का नवीनीकरण कराने के लिए देवरिया जाना पड़ता था। इसके लिए प्रत्येक महीने में 14 और 27 तारीख को समय दिया जाता था। इसकी सूचना असलहा धारक को दी जाती थी।

नवीनीकरण के लिए बंदूकधारी को फायरिंग रेंज में परीक्षा देनी होती है। इसके बाद पुलिस की रिपोर्ट लगती है, जिसके आधार पर लाइसेंस का नवीकरण हो जाता है। भागदौड़ से बचने के लिए बहुत सारे लोग लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराते थे।

इस समस्या को देखते हुए पुलिस लाइंस में ही भौतिक परीक्षण की व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग नवीनीकरण का आवेदन करने से बच रहे हैं।
दस हजार से ज्यादा असलहे के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं
गोरखपुर जिले में इस समय 22979 लोगों के नाम असलहे का लाइसेंस है। इसमें दस हजार से अधिक लोगों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है। ऐसे असलहे दुकानों और थानों में जमा हैं, जिनको लेकर दुकानदार भी परेशान हैं।

केस एक

वीनीकरण शुल्क से ज्यादा तो आने में लगेगा किराया
गुलरिहा के इंद्रकुमार मुंबई में रहते हैं। उनके पास रिवाल्वर है। उनके असलहे का नवीनीकरण दो साल से नहीं हुआ है। वह जब गोरखपुर आते हैं तो समय नहीं मिलता है, जिससे उनके रिवाल्वर के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो सका है। इंद्रकुमार का कहना है कि मुंबई से आने-जाने में ज्यादा खर्च हो जाएगा। इस वजह से इससे बच रहे हैं।

केस दो
नवीनीकरण में फंसा लाइसेंस, नहीं कर पा रही सरेंडर
शाहपुर की रहने वाले शांति देवी के पति के नाम से सिंगल बैरल बंदूक का लाइसेंस है। वह बंदूक को सरेंडर कराना चाहती हैं, लेकिन नवीनीकरण न हो पाने के कारण उनके पति के नाम से लाइसेंस सरेंडर नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर वह कई बार भागदौड़ कर चुकी हैं।

इतना है नवीनीकरण शुल्क
असलहे का लाइसेंस नवीनीकरण में अलग-अलग स्टांप शुल्क निर्धारित है। इसमें सिंगल और डबल बैरल बंदूक के लिए 500 रुपये, राइफल के लिए 750 रुपये और रिवाल्वर या पिस्टल के नवीनीकरण में 1000 रुपये का स्टांप शुल्क निर्धारित है। इसे बैंक में ट्रेजरी चालान के जरिए जमा किया जाता है। इसके अलावा 500 रुपये प्रतिवर्ष की दर से नवीनीकरण शुल्क है। जबकि समय सीमा के बाद नवीनीकरण का आवेदन करने पर 2000 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। नवीनीकरण में शस्त्र लाइसेंसी को 1000 रुपये का शुल्क जिला राइफल क्लब में जमा कराने का आदेश जिलाधिकारी की ओर से दिया गया है।

दुकानों में जमा कर भूल गए लाइसेंसी, दुकानदार भी परेशान
असलहों के नवीनीकरण की जटिल प्रक्रिया के कारण तमाम लोग नवीनीकरण से बच रहे हैं। जिले में पंजीकृत कुल असलहों में 10 हजार से अधिक असलहों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है। कुछ लोगों के परिवार में लाइसेंसधारी का निधन होने से वरासत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इस वजह से नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। कुछ लोग अपने लाइसेंस को सरेंडर करना चाहते हैं। इस चक्कर में भी नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं। शहर में 20 दुकानों पर एक हजार से अधिक असलहे जमा हैं। यहां 10 साल से अधिक समय से जमा बंदूकों को लेने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं।

पुलिस लाइंस आरआई हरिशंकर सिंह ने कहा कि असलहों के नवीनीकरण के लिए अब देवरिया जाने की जरूरत नहीं है। इसकी व्यवस्था यहां पर पुलिस लाइसं में बना दी गई है। इससे लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदकों की संख्या बढ़ी है।

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