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सुनीता राय
प्रदेश सरकार की ओर से बीते मार्च माह में फैमिली आईडी कार्ड परिवार पहचान पत्र की शुरुआत की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि जिनके पास राशन कार्ड हैै, उनका कार्ड नंबर ही फैमिली आईडी कार्ड में बदल जाएगा। इनके अलावा अन्य लोगों को कार्ड बनवाना होगा।
लोगों के भले के लिए शुरू की गई फैमिली आईडी कार्ड के प्रति जागरूकता नहीं बढ़ पा रही है। वजह यह है कि न तो सरकार की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा, और न ही लोगों को ही चिंता नजर आ रही। इससे योजना की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। हालांकि विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, लेकिन व्यवस्था के अनिवार्य न होने की वजह से लोग इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
दरअसल, इस कार्ड के बन जाने से यह पता चल जाएगा कि परिवार में कितने बेराेजगार हैं। इससे उन्हें सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने की पहल होती। साथ ही यह पहचान पत्र बन जाने से अलग-अलग परिचय पत्र की जरूरत नहीं होगी। एक ही दस्तावेज पर सरकारी काम कराने में आसानी होगी। लेकिन, जागरूकता के अभाव में यह गंभीर पहल परवान नहीं चढ़ पा रही।
प्रदेश सरकार की ओर से बीते मार्च माह में फैमिली आईडी कार्ड परिवार पहचान पत्र की शुरुआत की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि जिनके पास राशन कार्ड हैै, उनका कार्ड नंबर ही फैमिली आईडी कार्ड में बदल जाएगा। इनके अलावा अन्य लोगों को कार्ड बनवाना होगा। आवेदक अपने नजदीक के ऑनलाइन कॉमन सर्विस सेंटर या फिर ई-डिस्ट्रिक्ट ऑफिस पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। जिले में फैमिली कार्ड के लिए कुल 2463 आवेदन हुुए हैं। इनमें लंबित आवेदन 552 हैं, जबकि 566 आवेदनों को स्वीकृत कर लिया गया है। आवेदन में गड़बड़ी की वजह से 1345 आवेदन पत्र अस्वीकृत हो गए हैं।
ऐसे बनेगा कार्ड, एक कागज से चल जाएगा काम
जानकारों के अनुसार, ऑनलाइन आवेदन पर आवेदक को 15 अंक का आवेदन नंबर मिलेगा। आवेदन में परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड लगाना होता है। आवेदन के बाद आवेदक सहित परिवार के अन्य सदस्यों की जांच होती है। जमा किए गए सभी आधार कार्ड पर अलग-अलग वन टाइम पासवर्ड आते हैं, जिनको आवेदन में दर्ज कराना होगा। यदि परिवार का कोई सदस्य पहले से किसी अन्य परिवार से जुड़ा है, तो उसका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। फैमिली आईडी कार्ड से सभी सरकारी विभागों में अलग-अलग प्रमाण पत्र लगाने के बजाय एक प्रमाण पत्र से काम चल जाएगा।